
कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. और अभी तक इस महामारी को कंट्रोल करने की कोई कारगर दवा ईजाद नहीं हुई है. हालांकि कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में ट्रायल (Corona Vaccine Trial) चल रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि अगले साल जनवरी तक इसका कोई टीका बाजार में आ जाएगा.
इस बीच एक अच्छी खबर ये है कि भारत में हुए एक शोध में ये सामने आया है कि टीबी से बचाने वाला बीसीजी (BCG) का टीका लोगों को कोरोना से भी बचा सकता है. बीसीजी का टीका कोरोना (Coronavirus) से बचाव में भी कारगर साबित हो रहा है. इंडियन जर्नल ऑफ अप्लायड रिसर्च में एक शोध प्रकाशित किया गया है, जिसमें यह बात कही गई है.
नोएडा सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल (COVID Hospital) की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेणु अग्रवाल (Renu Agarwal) ने एक शोध किया है जिसमें ये नतीजे सामने आए हैं कि बीसीजी का टीका शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
डॉ. रेणु अग्रवाल ने बताया कि इस शोध के दौरान 1 अप्रैल को स्टेज 1 में 30 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को कोविड ड्यूटी के दौरान नोएडा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बीसीजी का टीका (BCG vaccine) दिया गया. इनमें से कोई भी अभी तक कोरोना पॉजिटिव नहीं हुआ है.
इस शोध में एक कंट्रोल ग्रुप के 50 लोगों को रखा गया. इन्हें बीसीजी का टीका नहीं दिया गया था. इसमें 16 लोग कोरोना की चपेट में आ गए.

स्टेज 2 में नोएडा के कोविड हॉस्पिटल में 50 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को बीसीजी वैक्सीन 24 अगस्त को दी गई, जब वो कोविड ड्यूटी कर रहे थे. इनमें से किसी में भी कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आया. वहीं जब कंट्रोल ग्रुप के 80 स्टाफ मेंबर्स को लिया गया जिन्हें ये टीका नहीं दिया गया था. इनमें 20 लोग कोविड संक्रमित पाए गए.
210 में 80 कर्मचारियों को बीसीजी का टीका लगाया गया. बिना टीका लगाए लोगों में कोरोना के मामले देखने को मिले लेकिन, जिनको टीका लगा उनमें अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ है.
डॉ. रेणु अग्रवाल के मुताबिक, 80 कर्मचारियों का एक ग्रुप बनाया गया. समूह में 30 लोगों को बीसीजी का टीका लगाया गया जबकि 50 को बिना टीका लगाए कोविड ड्यूटी कराई गई. बीसीजी का टीका जिन्हें लगा था उनसे भी कोविड ड्यूटी करवाई गई.
इन सभी का हर 15 दिन पर आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच की गई. करीब एक महीने बाद जिन कर्मचारियों को टीका नहीं लगा था उनमें 16 लोग कोविड संक्रमित पाए गए.
डॉक्टर रेणु ने बताया कि उन्होंने खुद को भी ये टीका लगवाया और वह भी अभी तक कोरोना से बची हुई हैं.














