
बरेली। हजरत मोहम्मद मुस्तफा की शान में ऑल इंडिया गुलदस्ते हैदरी की ओर से गढ़ैय्या स्थित वसी हैदर इमामबाड़ा में नातिया महफिल का आयोजन किया गया। जिसमें देर रात तक पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा की शान में कसीदे पढ़े गए। महफिल की शुरुआत मौलाना शमशुल हसन खां ने हदीसे किसा से किया। उसके बाद मौलाना ने हजरत मोहम्मद मुस्तफा की जिंदगी पर रोशनी डाली। इसके बाद शायरों ने अपने-अपने कलाम पेश किए।
है अजब इंतकाम आका का
दुश्मनों के लिए दुआ हो जाए(अदील बरेलवी)
वही हानि बरेलवी ने फ़रमाया
अजब खुशबू है मद-हे-मुस्तफा में
नबी की नात है या इत्र दा है
कपड़े तो क्या है उतरेगी जन्नत भी खुद यहां
कह दे अगर जरा सा नवासा रसूल से( गुलरेज तुराबी)
नाते -ए -नबी ज़बा पे तसव्वुर में फातिमा
कुरान पढ़ रहा हूं हदीसे किसा के साथ( कामिल टिसुआई)
इस बीच डॉ अकील हुसैन ज़ैदी ने अपने इस शेर से खूब वाहवाही लूटी
ज़ईफा कलमा-ए -हक़ पढ़ रही है
रसूले पाक की सीरत जवां है
इसी कड़ी में मोनिस, अलीआलिम, परवेज़ जौहरी, हसनैन रज़ा, बाक़र बरेलवी, सज्जाद अमरोही, रिज़वान बरेलवी आदि ने भी अपने-अपने कलाम रसूल की शान में पेश किए।महफ़िल की सदारत मौलाना शमशुल हसन खा व संचालन हानि बरेलवी ने किया।इस दौरान महफ़िल में भय्ये, अली हाशिम,मोनिस,सैफ़ी,समीर रिज़वी, सोमिल रिज़वी,असद ज़ैदी,फैहमी ज़ैदी,अलमदार हुसैन, रिज़वान,अतहर समेत अन्य लोग मौजूद रहे










