
किशनी/मैनपुरी- बुधवार को चितायन निवासी 85 वर्षीय वृद्धा बिट्टन देवी उर्फ बेटी कुँवरि ने बेटों द्वारा उनका ख्याल व सेवा न करने पर नाराज होकर अपने नान की भूमि प्रधानमंत्री के नाम किए जाने की बात कही गयी थी। समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर मामला चर्चा में आने पर शुक्रवार को तहसीलदार सुशील कुमार महिला के घर पहुंचे। उन्होंने महिला के परिजनों से मामले की जानकारी ली। महिला बिट्टन देवी ने बताया कि उनके पति की 30 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। उनके तीन बेटे जीवन लाल, भोलाराम, रामखेर हैं।
वह पुत्र जीवन के साथ रहती हैं। दो दिन पूर्व उनका छोटे पुत्र भोलाराम से विवाद हो गया। इसी बात पर वह गुस्से में तहसील आ गयी और अधिवक्ता के बस्ते पर बैठ कर जमीन प्रधानमंत्री मोदी की बात करने की बात कहने लगीं। परिजनों द्वारा समझाने तथा उनका खयाल रखने के आश्वासन देने पर वृद्धा ने तहसीलदार के समक्ष ग्रामवासियों तथा अपने पुत्रों की उपस्थिति में शपथपूर्वक बयान दिया कि उनके द्वारा लिया गया निर्णय मात्र क्षणिक गुस्से के कारण था लेकिन वास्तव में उनका इस प्रकार का कोई उद्देश्य नहीं था।
यह भी बताया गया है कि अब उनके पुत्रों से उनका कोई विवाद नहीं है। अतः वह जमीन किसी के भी नाम नहीं करना चाहती हैं। तहसीलदार ने उनके लड़कों को भी यह हिदायत दी गई कि उनका ख्याल रखें। इस मौके पर रजिस्ट्रार कानूनगो अजीत यादव, क्षेत्रीय लेखपाल, प्रधान प्रतिनिधि ध्रुव शाक्य मौजूद रहे। एसडीएम रामशकल मौर्य ने बताया कि उन्होंने तहसीलदार को मौके पर भेजा था। महिला को अब किसी से कोई शिकायत नहीं है। वृद्धा के पुत्रों को उनकी सही देखभाल की हिदायत दी गयी है।








