अखिल भारतीय किसान सभा एवं भारत की जनवादी नौजवान सभा की बैठक


फूलपुर प्रयागराज। अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) एवं  भारत की जनवादी नौजवान सभा (DYFI) इलाहाबाद के संयुक्त तत्वाधान में संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर के निर्वाण दिवस पर रामलीला चबूतरा रामनगर सहसों इलाहाबाद में उनको याद करते हुए  एक श्रद्धांजलि सभा की। एवं दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए कृषि विरोधी काले कानून के बारे में बातचीत की गई।

सभा के बाद एक जुलूस निकाल कर कृषि विरोधी कानून की प्रति जलाकर विरोध दर्ज किया गया।सभा में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया तीनो कृषि बिल एक काला कानून है, जो पूरी तरह से कृषि विरोधी है, जनतंत्र विरोधी है और संविधान विरोधी है।इस कानून के चलते पूरी खेती किसानी चौपट हो जाएगी, इस कानून के चलते  कृषि उपज विपणन समिति कानून में संशोधन और बहुत सारी आवश्यकता की वस्तुएं को आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची से बाहर रखने जैसे मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कानून मंडी व्यवस्था को ध्वस्त करते हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य को बड़े कारपोरेट घरानों के हाथों सौंप कर इसे बेमानी करार देते हैं, तथा कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को वैधता प्रदान करते हैं।

इन कानूनों को बेहद शर्मनाक और असंवैधानिक तरीके से राज्यसभा में बिना चर्चा कराए तथा बिना वोटिंग कराए ही पास करा दिया गया।ये कानून आने वाले समय मे आम जनता की ज़िंदगी पर भयानक असर डालेंगे। ये कानून खेती- किसानी को कॉरपोरेट कंपनियों के हाथों में सौंपने के लिए लाए गए हैं। इन कानूनों के लागू होने से किसान अपने ही खेतों में मजदूर बन जाएंगे। पूरे देश भर किसान एकजुट होकर इस कृषि विरोधी काले कानून का विरोध कर रही है। किसान आंदोलन के साथ देश का हर तबका उसके साथ है।

ये कानून जल्द से जल्द वापस होने चाहिए।सभा में रमाकांत मौर्य, धर्मेंद्र, विकास स्वरूप, भूपेंद्र पाण्डेय, शीलवन्त सिंह, द्वारिका प्रसाद, आसाराम यादव, रामचरन यादव, रामचन्दर, राममूर्ति, जुम्मन, बाबूलाल मौर्य, हरिप्रसाद पाण्डेय, सिद्ध यादव, असर्फी लाल विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा, मुलायम सिंह यादव, सर्वेश कबड्डी, राकेश, रामसुख मौर्य समेत बसमहुआ, कांदी, रामनगर, मेडुआ, चन्दौहा, बरुई समेत गांव किसान ,नौजवान मौजूद रहे।

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