मुविवि ने बारी गांव में किया दिव्यांग सशक्तिकरण एवं योग प्रशिक्षण का आयोजन

प्रयागराज।  उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षा विद्या शाखा द्वारा गोद लिए गए गांव बारी विकासखंड सोरांव में सोमवार को दिव्यांग सशक्तिकरण एवं योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों को वर्चुअल मोड से संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि समाज में हमें सभी व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए।जैसे प्रकृति में कोई भी पौधा बिना गुण के नहीं होता, उसी प्रकार समाज में कोई भी व्यक्ति बिना गुण के नहीं होता।

हमें समाज में दिव्यांग व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए एवं समाज एवं राष्ट्र में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए तत्पर सहयोग करना चाहिए। प्रोफेसर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि उसमें दिव्यांगजन भी अपनी क्षमता का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसके लिए दिव्यांग जनों को संतुलित एवं समावेशी सहयोग प्रदान किया जाए।

प्रोफेसर सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी कहा करते थे कि देश की आत्मा गांवों में बसती है, इसलिए हमें गांव के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देना चाहिए।समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथि जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी प्रयागराज श्री नंदकिशोर याज्ञिक ने समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग जनों के कल्याण हेतु सरकार पूरी तरह से तत्पर है एवं विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें सशक्त करने हेतु जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति जागरूक हो जाए तो समाज में विद्यमान दिव्यांग जन इन योजनाओं के माध्यम से अपना व अपने परिवार का एवं समाज का विकास कर सकते हैं।बारी गांव में आयोजित समुदाय आधारित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षा विद्या शाखा के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर पी के पांडेय ने कहा कि समाज में जो दिव्यांग व्यक्ति है उसमें विद्यमान क्षमता का उपयोग करना अति आवश्यक है क्योंकि जागरूकता के अभाव में उनके अंदर विद्यमान क्षमता का उपयोग नहीं हो पाता जिससे उनकी क्षमता बिना किसी उपयोग के समाप्त हो जाती है।  इस अवसर पर योग प्रशिक्षक श्री अमित सिंह ने ग्राम वासियों एवं विद्यार्थियों के समक्ष योगाभ्यास के माध्यम से उन्हें संतुलित जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। जो उनके मन और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहे। इस अवसर पर डॉ. दिनेश सिंह, डॉक्टर नीता मिश्रा, श्री राजमणि पाल, श्री परविंद कुमार वर्मा, माध्यमिक विद्यालय बारी की प्रधानाध्यापिका, शिक्षक, शिक्षिकाएं, कर्मचारी एवं बी.एड. विशिष्ट शिक्षा के शिक्षार्थी, ग्रामवासी तथा दिव्यांगजन उपस्थित थे।शिक्षा विद्या शाखा के प्रभारी प्रोफेसर पी.के. पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव बारी में ग्रामीणों को जागरूक करने का अभियान आगे भी चलता रहेगा उन्होंने बताया कि बारी गांव के दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है।

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