नयी आशाओं ने भरी हुंकार , परिवार नियोजन की बढ़ेगी रफ्तार, जनपद को 120 प्रशिक्षित आशाओं की मिली सौगात

माँ एवं नवजात शिशु देखभाल सहित कई क्षमताओं में हुईं दक्ष

बहराइच l अचल प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे आठ दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन नवीन आशाओं को परिवार नियोजन की जानकारी से रूबरू कराया गया । इसके लिए उन्हे परिवार नियोजन से संबन्धित पम्पलेट पोस्टर भी वितरित किए गए। मातृत्व स्वास्थ्य मे परिवार नियोजन के महत्व को समझ कर इसे घर घर पहुँचाने के लिए आशाओं ने शपथ ली ।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में 2 दिसंबर से चल रहे नवीन आशाओं का आठ दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आज समापन हो गया । सीएमओ डॉ राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रशिक्षण में आशाओं को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, संचारी रोग , टीबी , कुष्ठ रोग , मलेरिया , प्रसव पूर्व महिला का जांच,  प्रसव के बाद देखभाल , कुपोषण की पहचान ,ग्राम स्वास्थ्य स्व्च्छ्ता एवं पोषण दिवस , जननी सुरक्षा योजना , टीकाकरण , दस्त रोग ,  किशोरा अवस्था , मासिक धर्म स्वच्छता , यौन संक्रमण सहित व्यक्तिगत स्वच्छता की जानकारी दी गयी ।


प्रशिक्षक चंदरेश्वर पाठक ने आशाओं को संचार कौशल,रिकार्डों की जानकारी जिसमें आशा डायरी, ग्राम स्वास्थ्य रजिस्टर , दवा किट रजिस्टर के साथ ही  नेतृत्व कौशल , निर्णय लेने का कौशल, वार्ता का कौशल, समन्वय का कौशल एवं  बैठक के सफल आयोजन की जानकारी दी ।
प्रभारी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व आशा प्रशिक्षक जे0के0 चौबे ने अनचाहे गर्भपात, सुरक्षित गर्भपात की जानकारी के साथ गर्भ निरोधक के उपाय के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि आधुनिक परिवार नियोजन के साधन अधिक प्रभावी हैं । जिसमें दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए अस्थायी साधन जैसे अंतरा इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गोली, कंडोम सहित प्रसव के तुरंत बाद लगने वाली कापर-टी और स्थायी साधनों में महिला एवं पुरुष नसबंदी शामिल हैं।


प्रशिक्षक डीसीपीएम मो0 राशिद ने बताया कि जनपद में कुल 180 नवीन आशाओं का चयन किया गया था । जिसमें 120 आशाओं को प्रारम्भिक प्रशिक्षण दिया जा चुका है शेष 60 आशाओं को आगामी प्रशिक्षण में प्रशिक्षित किया जाएगा ।  प्रशिक्षक व जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आशाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है । प्रशिक्षित आशाएँ मुख्य रूप से माँ एवं शिशु स्वास्थ्य की देखभाल के लिए घर-घर भ्रमण कर स्वास्थ्य मुद्दों की जानकारी देने का काम करेंगी। इस मौके पर 30 आशाएँ मौजूद थीं ।

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