ड्रैगन के खिलाफ भारत ने फिर खोला मोर्चा, सेना ने बैन किये ये चीनी उत्पाद

चीन के साथ भारत का तनाव अभी भी जारी है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया चालबाज़ चीन के खिलाफ मोर्चा खोले बैठी है. जहां एक तरफ भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को लद्दाख से खदेड़ दिया था। वहीँ दूसरी तरफ देश में मोदी सरकार ने चीन को एक के बाद एक कई जख्म दिए जा रहे हैं. कभी चीनी एप्स पर प्रतिबन्ध लगा रहे हैं तो कभी चीनी कमापनियों को बैन कर दिया. पिछले कुछ महीनों में भारत ने जिस तरह से चीन के खिलाफ कदम उठाये हैं उससे चीन की आर्थिक कमर पूरी तरह से टूट चुकी है. और इस वजह से चीन की पूरी दुनिया में थू-थू हो रही है. तो वहीं अब फिरसे भारत ने चीन के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है.

बता दें भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत विजन के तहत आर्मी कैंटीन में इंपोर्टेड आइटम की खरीद पर रोक लगाई गई है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट यानी सीएसडी को 422 आइटम की लिस्ट दी गई है. निर्देश दिए गए हैं कि इन आइटम का परचेज ऑर्डर नहीं दिया जाएगा. इसमें सबसे ज्यादा चीन के आइटम हैं. 422 में से करीब 230 आइटम चीन के हैं जबकि 16 आइटम ऐसे हैं जो चीन के अलावा दूसरे देशों में भी बनते हैं, लेकिन इन पर भी रोक लगाई गई है.

 
ऐसा नहीं नहीं की इसमें सिर्फ चीनी पदार्थ ही है चीन के बाद इस सूची में दूसरे नंबर पर वियतनाम है. लिस्ट में 42 आइटम ऐसे हैं जो वियतनाम के है. इसके अलावा यूएस, इटली, फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी, पोलैंड, थाइलैंड, स्कॉटलैंड, इंडोनिशिया, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका के आइटम भी हैं जिन्हें अब आर्मी कैंटीन के लिए नहीं खरीदा जाएगा. चीन के जिन आइटम्स पर रोक लगाई गई है उसमें ज्यादातर इलैक्ट्रॉनिक आइटम हैं. लैपटॉप से लेकर माइक्रोवेव, कॉफी मेकर से लेकर सैंडविच टोस्टर के साथ ही काजल, ग्लास, स्लीपिंग बैग, लेडीज हैंडबैग, डोरमेट जैसे आइटम भी हैं जो पहले कैंटीन में उपलब्ध होते थे लेकिन यह अब कैंटीन के लिए नहीं लिए जाएंगे.

 
अब कैंटीन में कोई इंपोर्टेड सामान नहीं मिलेगा. इसे लेकर सोशल मीडिया में भी पूर्व सैनिक चर्चा कर रहे हैं. एक सैनिक ने कहा कि सिर्फ आर्मी कैंटीन में इंपोर्टेड आइटम पर रोक से आत्मनिर्भर भारत का विजन कैसे पूरा हो सकता है जबकि ओपन मार्केट में तो सारे प्रोडक्ट मौजूद हैं. जो प्रॉडक्ट कॉस्ट इफेक्टिव हैं उन्हें जारी रखना चाहिए. एक दूसरे सैनिक ने कहा कि यह नियम सिर्फ फौज के लिए ही है जबकि सीआईएफ (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स) की कैंटीन के लिए ऐसा कोई ऑर्डर जारी नहीं किया गया है. दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने करीब छह महीने पहले ऐलान किया था कि सभी सीएपीएफ कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी सामान ही मिलेगा लेकिन अभी इससे जुड़े कोई ऑर्डर जारी नहीं किए गए हैं.

 
कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (सीएसडी) को आमबोलचाल में आर्मी कैंटीन कहते हैं. आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के जवान और ऑफिसर्स और उनके परिवार वालों के साथ ही पूर्व सैनिकों और उनके डिपेंडेंट को मिलाकर सीएसडी के करीब 1 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं. यहां हर छोटा बड़ा सामान मिलता है जो ओपन मार्केट में होता है. लेह से लेकर अंडमान तक कुल 33 डिपो हैं और यूनिट रन कैंटीन (यूआरसी) करीब 3700 हैं. हर कैंटीन में एक रजिस्टर होता है जिसमें कैंटीन के लाभार्थी लिखकर देते हैं कि उन्हें क्या सामान चाहिए. हर तीन महीने में फीडबैक लिया जाता है. ओपन मार्केट में जो सामान होता है उसमें से कुछ भी सामान की डिमांड लाभार्थी कर सकते हैं. यह फीड बैक फिर हेड ऑफिस भेजा जाता है और एक कमिटी देखती है कि क्या-क्या सामान खरीद कर कैंटीन में उपलब्ध कराना है.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

आज गुजरात जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी शशि थरुर के नेतृ्ृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा गुयाना पीएम मोदी का मिशन- ‘विकसित भारत’ दिल्ली की प्लास्टिक फैक्ट्री में ब्लास्ट 2027 में अंतरिक्ष की सैर के लिए हो जाईए तैयार