
भारत में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन की तैयारियां जोरों पर हैं और आज से चार राज्यों के आठ जिलों में इसका ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) शुरू हो गया है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, असम और पंजाब शामिल हैं। ये ड्राई रन दो दिन तक चलेगा।
लेकिन वैक्सीनेशन का ये ड्राई रन आखिर क्या है, इसे कैसे किया जाता है और ये क्यों महत्वपूर्ण है, आइए ऐसे ही कुछ अहम सवालों के जबाव जानते हैं।
क्या होता है ड्राई रन?
आसान शब्दों में कहें तो ड्राई रन का मतलब है वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया का ट्रायल। इसमें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में शामिल कोल्ड स्टोरेज चैन से लेकर यातायात तक हर चीज का ट्रायल किया जाएगा।
लाभार्थियों की पहचान करने और वैक्सीनेशन की अन्य महत्पूर्ण जानकारियां रखने के लिए बनाए गए सरकार के Co-WIN इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन की उपयोगिता की समीक्षा भी की जाएगी।
बता दें कि ड्राई रन के दौरान असली की बजाय डमी वैक्सीन दी जाती है।प्रक्रिया
कैसे होगा ड्राई रन?
ड्राई रन के दौरान सभी चार राज्यों के दो-दो जिलों में 100 लोगों को डमी वैक्सीन की खुराक दी जाएगी और इसके लिए हर जिले में पांच वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए हैं।
लाभार्थियों की पहले से ही पहचान करके उन्हें एडवांस में एक SMS भेजा जाएगा जिसमें वैक्सीन लगने की जगह और समय के बारे में बताया जाएगा।
डमी वैक्सीन लगाए जाने के बाद किसी भी गंभीर साइड इफेक्ट के लिए इन लाभार्थियों पर 30 मिनट तक नजर रखी जाएगी। जानकारी
ड्राई रन के बाद केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे राज्य
इस ड्राई रन के बाद इसमें शामिल रहे चारों राज्यों के राज्य कार्य दल (STF) अलग-अलग रिपोर्ट तैयार करेंगे जिनमें पूरी प्रक्रिया और इसमें आई दिक्कतों की पूरी जानकारी होगी और इन रिपोर्ट्स को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।महत्व
क्यों महत्वपूर्ण है ड्राई रन?
ड्राई रन के जरिए ये पता चलता है कि देश और राज्यों की व्यवस्था वैक्सीनेशन की असल प्रक्रिया के लिए कितनी तैयार है। इसके जरिए व्यवस्था की खामियां भी सामने आ जाती हैं और असली वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले इन्हें ठीक करने का समय मिल जाता है।
इसके अलावा वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी ड्राई रन के दौरान मौजूद रहेंगे और उन्हें पहली बार जमीनी स्तर पर काम करने और अपनी भूमिका समझने का मौका मिलेगा।वैक्सीनेशन
देश में अगले महीने शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन
बता दें कि भारत में जनवरी से कोरोना वायरस वैक्सीन का वितरण शुरू होने की संभावना है और सरकार की पहले चरण में जुलाई तक लगभग 30 करोड़ लोगो को वैक्सीन लगाने की योजना है।
सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य कर्मियों और बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में स्वस्थ और युवा लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकार का लक्ष्य 60 प्रतिशत जनता को वैक्सीन लगाने का है।वैक्सीनें
तीन वैक्सीन कंपनियां कर चुकी हैं मंजूरी के लिए आवेदन
भारत में अभी तक तीन कंपनियां अपनी वैक्सीनों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी हैं। इन कंपनियों में भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और फाइजर शामिल हैं।
SII को सबसे पहले मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है। SII ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन का भारत में ट्रायल और निर्माण कर रही है। यूनाइटेड किंगडम (UK) और ब्राजील में हुई ट्रायल में इस वैक्सीन को 70 प्रशिशत प्रभावी पाया गया था।















