भारत पहुंचा कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन, संक्रमित पाए गए UK से लौटे छह लोग

भारत में भी कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहुंच गया है। यहां छह संक्रमितों में यह वायरस मिला है। ये सभी हाल ही में ब्रिटेन से लौटे थे। हालांकि, अभी यह पता नहीं चल सका है कि ये मरीज कहां पाए गए हैं। इनमें से तीन सैम्पल बेंगलुरु, दो हैदराबाद और एक पुणे के इंस्टीट्यूट भेजे गए थे।

ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक दो वैरिएंट मिल चुके हैं। पहला वैरिएंट मिला इसके बाद ही भारत सरकार ने 21 दिसंबर को ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी थी। ये रोक 22 दिसंबर रात 11.59 बजे से 31 दिसंबर रात 11.59 बजे तक लगाई गई। जो लोग इससे पहले फ्लाइट्स से भारत पहुंचे उनका एयरपोर्ट पर ही RT-PCR टेस्ट किया गया था।

वायरस का नया रूप 70% ज्यादा तेजी से फैलता है

वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है, यानी इसके गुण बदलते रहते हैं। म्यूटेशन होने से ज्यादातर वेरिएंट खुद ही खत्म हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी यह पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक हो जाता है। यह प्रोसेस इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक एक रूप को समझ भी नहीं पाते और दूसरा नया रूप सामने आ जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोनावायरस का जो नया रूप ब्रिटेन में मिला है वह पहले से 70% ज्यादा तेजी से फैल सकता है।

कोरोनावायरस में अब तक कैसे बदलाव दिखे
कोरोनावायरस में कई तरह के बदलाव हुए हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  • N501Y: ब्रिटेन में यह स्ट्रेन मिला है। इसमें अमीनो एसिड को N लिखा गया है। यह कोरोनावायरस के जेनेटिक स्ट्रक्चर में पोजिशन-501 पर था। इसे अब Y ने रिप्लेस कर लिया है।
  • P681H: नाइजीरिया में मिले इस कोरोनावायरस स्ट्रेन में पोजिशन-681 पर अमीनो एसिड P को H ने रिप्लेस कर दिया है। अमेरिका के CDC के मुताबिक, इस पोजिशन में बदलाव कई बार हो चुका है।
  • HV 69/70: यह स्ट्रेन कोरोनावायरस में पोजिशन-69 और 70 पर अमीनो एसिड्स के डिलीट होने का नतीजा है। फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका में भी वायरस में यह बदलाव दिखा है।
  • N439K: ब्रिटेन में कोविड-19 जेनोमिक्स कंसोर्टियम (CoG-UK) के रिसर्चर्स ने इस नए वैरिएंट के बारे में बताया था। इसमें पोजिशन-439 पर स्थित अमीनो एसिड N को K ने रिप्लेस किया है।

कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन क्या है?
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट (B.1.1.7) के बारे में अभी वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारियां नहीं मिली हैं। इसके जीनोम संरचना पर अभी रिसर्च चल रहे हैं। वैज्ञानिक अभी यह पता लगाने में जुटे हैं कि इसमें हुए म्यूटेशन से वायर और ज्यादा खतरनाक हो रहा है या कमजोर और क्या नया स्ट्रेन जांच में सही से पकड़ा जा सकता है या नहीं।

कितना संक्रामक है कोरोना का नया स्ट्रेन?
नया स्ट्रेन बहुत ही संक्रामक है। इसने प्रभावित इलाकों में कोरोना के मामलों में 300 प्रतिशत का इजाफा किया है। यानी आम स्ट्रेन के मुकाबले यह तीन गुना ज्यादा संक्रामक है। कोरोना का नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है, यह स्पष्ट नहीं है। खैर ज्यादा संक्रामक होने की वजह से खतरनाक तो है ही, क्योंकि यह लोगों के संक्रमित होने की आशंका बढ़ाता है। इस वैरिएंट में पिछले कुछ महीनों में ही 23 बार म्यूटेशन हुआ है जो हैरान करने वाला है।

20 बार रूप बदल चुका है नया वायरस
नए वायरस ने 20 से ज्यादा रूप बदला है और यह अभूतपूर्व है। हालांकि, वायरस का रूप बदलना कोई नई बात नहीं है। कोरोना वायरस महीने भर में एक या दो बार अपना रूप बदलता रहा है। हालांकि, कोरोना का पहले का नया रंग-रूप उतना ज्यादा संक्रामक नहीं था। यह स्ट्रेन इसलिए ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसके 8 रूप जीन में प्रोटीन बढ़ाने वाले हैं। लेकिन इसमें दो सबसे ज्यादा चिंता पैदा करने वाले हैं। पहला, N501Y रूप, इसके कारण वायरस और ज्यादा खतरनाक हो सकता है और शरीर के सेल्स पर हमला कर सकता है। दूसरा, H69/V70। यह रूप शरीर की इम्युन क्षमता को नुकसान पहुंचाने वाली है। डेटा के अनुसार, यह स्ट्रेन शायद ज्यादा तेजी से फैल रहा है और लोगों को ज्यादा बीमार बना सकता है।

देश में 1.02 करोड़ केस आ चुके, 98 लाख ठीक हुए
देश में सोमवार को सिर्फ 16 हजार 72 केस आए। यह आंकड़ा 23 जून के बाद सबसे कम है। तब 15 हजार 656 केस आए थे। बीते 24 घंटे में 24 हजार 822 मरीज ठीक हो गए। 250 मरीजों की मौत हुई। इस तरह एक्टिव केस में 9011 की गिरावट आई। अब सिर्फ 2.67 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है। अब तक कुल 1.02 करोड़ कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 98.06 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। 1.48 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है।

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