
– अब सट्टा हो गया है हाईटैक, पर्ची की जगह लगता है आॅनलाइन सट्टा
प्रवीण पाण्डेय/मुकेश चतुर्वेदी
मैनपुरी – जनपद में सट्टे का काला कारोबार पूरी तरह पैर पसार चुका है। यहां हर गली मोहल्ले में सट्टे के खाईबाड़ बैठे हुए हैं। सट्टे पर रोक लगाने में पुलिस को भी अभी तक कामयाबी नहीं मिल पा रही है। जिसकी वजह है ये है कि अब सट्टा कलम और डायरी की जगह आॅनलाइन होने लगने लगा है। ज्यादातर मोहल्लों में सट्टे का काला कारोबार पूरी तरह से अपनी जड़ें मजबूत कर चुका है। आज के जमाने को देखकर लगता नहीं कि पुलिस इस काले कारोबार पर रोक लगाने में कामयाब हो पाएगी।
मैनपुरी शहर में सट्टे का मकड़जाल देवी रोड़, करहल रोड़, मदार दरवाजा, आगरा रोड़ सहित शायद ही कोई ऐसा मोहल्ला हो जहां सट्टा न लगता हो। वैसे तो सट्टे का काला कारोबार पूरे ही शहर में ही होता है। लेकिन देवी रोड़, करहल रोड़, आगरा रोड़ पर ये काम बड़े पैमाने पर होता है। शहर में चल रहे सट्टे पर पुलिस के लिए रोक लगाना इसलिए चुनौतीपूर्ण हो चुका है। पिछला समय था जब सट्टा पैन लेकर डायरी पर लिखा जाता था। लेकिन अब वह दौर गुजर चुका है। सट्टे लेने वाला एजेंट पूरा खेल मोबाइल पर ही चला रहा है। मोवाइल पर नंबर लिख लिए। और किसी काम से घूमने गया तब रुपए वसूल लिए। उसके बाद खाईबाड़ को एजेंट मोवाइल पर नंवर लिखा देता है। और रुपए देने का झंझट खत्म मोबाइल में ही एजेंट यूपीआई चलाता है। बोले हुए नंबरों को जितना रुपया होता है उन रुपयों को आॅनलाइन भेज देता है। इसलिए हाईटैक हो चुके शहर के सट्टे पर पुलिस कैसे रोक लगा पाएगी। यह देखने लायक होगा।










