आजादी के मतवालों को समर्पित आयोजन में कई फि‍ल्‍मों का चयन


-तीन दिवसीय चौरी चौरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आज से होगा शुरू 

गोरखपुर। तीन दिवसीय छठवां चौरी चौरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आगामी दो फरवरी से शुरू हो रहा है। इसके लिए आयोजन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आयोजन समिति जगह-जगह दौरा कर चौरी चौरा शताब्दी समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां हो चुकी हैं। आयोजन के दौरान चौरी-चौरा जनविद्रोह की बलिदानियों के शौर्यगाथा को शिद्दत से याद किया जाएगा।लंबे उत्पीड़न से तंग आकर फिरंगी हुकूमत के खिलाफ जनविद्रोह की ऐसी चिंगारी थी जिसने ब्रिटिश सरकार के 24 सिपाहियों को जिंदा जला कर खाक कर दिया था। चौरी चौरा प्रकरण में 273 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें 272 में से 228 पर अब्दुल्लाह व अन्य बनाम ब्रिटिश हुकूमत के नाम से मुकदमा चला था। क्रांतिकारी शहीद अब्दुल्लाह ब्रह्मपुर ब्लाक के राजधानी गांव के रहने वाले थे। लिहाजा ऐतिहासिक रूप से चर्चित राजधानी गांव में स्थित रामचंद्र यादव इंटर कालेज में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है।


चौरीचौरा एक्शन के महानायक भगवान अहीर और रूदली केवट अंग्रेजी सेना में रह चुके थे और असहयोग आंदोलनकारियों को प्रशिक्षित करते थे। नजर अली आला दर्जे के पहलवान थे जो चौरी चौरा जन विद्रोह के केन्द्र रहे डुमरी खुर्द में अखाड़ा चलाते थे। विक्रम अहीर और कोमल पहलवान थे। जन नायक का खिताब पाने वाले कोमल पहलवान ही जेल से भागने में सफल हो गए लेकिन मुखबिरी के बाद पकड़ में आ गए और 1924 के गर्मियों में फांसी दे दी गई।तीन दिवसीय चौरी चौरा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन शहीद विक्रम अहीर और नेऊर पहलवान की वंशज सोमारी देवी, शहीद रूदली केवट के वंशज राम वचन, शहीद नजर अली के वंशज आखिरूज्जमा, कोमल पहलवान के वंशज फौजदार सहित शहीद अब्दुल्लाह के वंशज संयुक्त रूप से करेंगे। उद्धाटन समारोह 1 बजे दिन में शुरू होगा।

विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आजादी आंदोलन की इस गौरवशाली विरासत को याद किया जाएगा। चौरी चौरा विद्रोह पर पहली पुस्तक लिखकर सरकारों का ध्यान आकर्षित करने वाले लेखक राम मूर्ति को सम्मानित किया जाएगा। फिल्मों के प्रदर्शन के लिए ओपन थियेठर बनाया जा रहा है। जिसमें चुनिंदा फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस बार छठवे संस्करण की आयोजन समिति में अविनाश गुप्ता, राम उग्रह यादव, योगेन्द्र जिज्ञासु, धीरेन्द्र प्रताप, डॉ. गरिमा, डॉ. सुशील कुमार पांडेय, सुरेन्द्र कुमार, डॉ. धनंजय यादव, रूद्र प्रताप, पारसनाथ मौर्या, डॉ. शंभू निषाद, विजेन्द्र अग्रहरि, अमरजीत गिरी, सुनील तिवारी, हरगोविंद प्रवाह, अंकित कुमार, डॉ. राकेश आदि उपस्थित रहेगे ।

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