
मोदी सरकार जबसे सत्ता में आई है देश की सुरक्षा से जुड़े बड़े-बड़े कदम उठाए जा चुके हैं. भारतीय सेना के तीनों अंग यानी जल, थल और वायु सेना की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है. लद्दाख में चीन से हुई टेंशन के बाद सरकार ने सेना को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. इस क्रम में अब अबतक का सबसे बड़ा रक्षा सौदे डील फाइनल हुई है. सरकार ने 83 तेजस लाइट कॉम्बैट विमानों की डील पर साइन कर दिए हैं. यह औपचारिक प्रक्रिया बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2021 कार्यक्रम के दौरान की गई. इन विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) करेगा. खास बात है कि इसे स्वदेशी मिलिट्री एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी डील है.
रक्षा मंत्रालय के महासचिव (अधिग्रहण) वीएल कांताराव की तरफ से एचएएल के एमडी आर माधवन को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. बेंगलुरु में एयरो इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा की उपस्थिति में हुई. कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में तीन Mi-17 हेलीकॉप्टर्स ने मार्च पास्ट किया.
इन खासियतों से भरा है तेजस
एचएएल की तरफ से बनाया जा रहा तेजस सिंगल इंजन का फुर्तीला विमान है. यह मल्टी रोल सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान गंभीर वायु वातावरण में काम करने में सक्षम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने बीते महीने 73 तेजस Mk-IA विमानों और 10 LCA तेजस Mk-I ट्रेनर एयरक्राफ्ट की डील को मंजूरी दी थी. इससे भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा.
इस मौके पर रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि एचएएल को 48 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले 83 नए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाने का ऑर्डर मिला.’ उन्होंने कहा, ‘यह शायद अब तक का सबसे बड़ा मेक इन इंडिया डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट है.’ जेट के मार्क A1 वर्जन में 43 सुधार होंगे. जिसमें कई बड़े बदलाव भी शामिल होंगे. इन सुधारों के बाद विमानों का रखरखाव आसान होगा और इसके अलावा कई चीजें बेहतर होंगी.
बता दें कि अंतराराष्ट्रीय निर्माता के जरिए 114 विमानों का टेंडर जारी करने के तीन साल बाद भारतीय वायुसेना देश में बनाए गए तेजस विमानों का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रही है. भारत को प्राप्त होने वाले 123 तेजस फाइटर्स तीन वैरिएंट्स में होंगे. सभी में जनरल इलेक्ट्रिक इंजन होगा.











