
बरेली (मुनीब हुसैन )उत्तर प्रदेश समेत देशभर में बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किए जाने के विरोध में कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली क्षेत्र के इंजीनियर व कर्मचारियों ने कामकाज का बहिष्कार किया। विद्युत इंजीनियर रणजीत चौधरी, अनुज गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार की निजीकरण की नीति उड़ीसा ग्रेटर नोएडा समेत आगरा में विफल हो चुकी है फिर भी सरकार ने अपनी असफलता को छुपाने के लिए निजी करण हेतु अमेंडमेंट बिल 2021 व स्टैंडर्ड बिलिंग डॉक्यूमेंट जारी किया है। वही केंद्र सरकार के निर्देशों पर केंद्र शासित प्रदेशो में भी यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है।जिसको लेकर देशभर के बिजली कर्मी कामकाज का सांकेतिक बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान इंजीनियर रविंद्र कुमार और राजेश झा ने कहा कि निजीकरण की नीति से पूरे देश में धीरे धीरे सार्वजनिक क्षेत्र को समाप्त किया जा रहा है और दूसरी तरफ कुछ गिने चुने उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है। किसानों ने भी विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया भले ही रुक गई हो, लेकिन चंडीगढ़, पुडुचेरी समेत अन्य केंद्र शासित राज्यों और उड़ीसा में चल रही
निजीकरण की प्रक्रिया से बिजली कर्मी नाराज हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार का एलान किया
जानें क्या हैं मांग
- इलेक्ट्रिसिटी सुधार बिल 2021और निजीकरण के लिए जारी स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट वापस लिए जाएं।
- निजीकरण की प्रक्रिया खत्म की जाए साथ ही सभी बिजली निगमों का एकीकरण किया जाए।
- ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा फ्रेंचाइजी का करार समाप्त किया जाए
- बिजलीकर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
तेलंगाना की तरह संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद भरे जाएं। - वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। इस दौरान प्रदर्शन में इंजीनियर रणजीत चौधरी,अभय सिंह,अनुज गुप्ता, रविंद्र कुमार, गीतांजलि, नीमा रौतेला,अवतार सिंह,हरीश कुमार, महेंद्र सिंह,गौरव शुक्ला, सुशील कुमार,मनोज सिंह, पीके भारती,रजत कुमार समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।








