
सेंट जान्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर में नए सत्र के लिए प्रवेश प्रारंभ
दिनाँक 4 मार्च 2021 को सेंट जान्स स्कूल,सिद्दीकपुर, जौनपुर में सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत हुई।इस सत्र में विशाल सिंह के पुत्र दिव्यांश प्रताप सिंह ने प्रथम विद्यार्थी के रूप में एलकेजी में तथा शिवांश प्रताप सिंह ने द्वितीय विद्यार्थी के रूप में कक्षा प्रथम में नामांकन कराया।विद्यालय के प्रधानाचार्य एवम मिशन ग्रीन जौनपुर के अध्यक्ष फादर पी विक्टर ने नवागत छात्रों को पौधा भेंट के रूप में दिया।इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने कहा कि आजकल पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है जिससे मानव एवं जीव-जंतुओं का जीवन कष्टमय होता जा रहा है।तरह-तरह के रोग जीवन की खुशियों को नष्ट कर रहे हैं,इसलिए इस सत्र के लिए नामांकन करानेवाले हर छात्र-छात्राओं को उपहार के रूप में पौधा भेंट किया जाएगा ताकि पर्यावरण मानव के अनुकूल बन सके।
प्रधानाचार्य फादर पी विक्टर ने कक्षा एलकेजी में नामांकन कराने वाले दिव्यांश प्रताप सिंह एवं कक्षा प्रथम में नामांकन करानेवाले शिवांश प्रताप सिंह को एवं उनके माता-पिता को पौध उपहार के रूप में भेंट किया और यह उम्मीद की कि जैसे जैसे बच्चे बढ़ेंगे वैसे वैसे पौधे भी वृद्धि को प्राप्त करेंगे और हरियाली के साथ पर्यावरण को स्वच्छ भी बनाएँगे।बच्चों के माता-पिता ने यह विश्वास दिलाया कि वे इन पौधों को जरूर लगाएँगे एवं अपने बच्चों के समान ही पालन-पोषण करेंगे।
फादर पी विक्टर ने कहा की पेड़-पौधों का महत्व हर किसी को समझना होगा। जब तक हम और आप इसे नहीं समझेंगे तक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बढ़ाया हुआ कदम सार्थक नहीं होगा। एक व्यक्ति चौबीस घंटे में औसतन 550 लीटर आक्सीजन का उपयोग करता है। जबकि एक पेड़ इतने ही समय में 55 से 60 लीटर आक्सीजन उत्सर्जित करता है। इस तरह से प्रत्येक व्यक्ति को इस धरा पर जीवित रहने के लिए उसके हिस्से की आक्सीजन आपूर्ति के लिए दस पेड़ चाहिए इसलिए पर्यावरण संरक्षण को समझ कर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं।
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जिंदगी के हर मोड़ पर वृक्ष की होती है अहम भूमिका
इंसान हो या पशु-पक्षी हर किसी को आक्सीजन की जरूरत होती है। बिना आक्सीजन के व्यक्ति एक क्षण भी नहीं जीवित रह सकता है इसलिए आक्सीजन बनाने के लिए पौधों का होना अत्यंत आवश्यक है। इसकी महत्ता को हर किसी को समझना होगा। जब तक हर व्यक्ति के अंदर पेड़-पौधों का आदर नहीं होगा तब तक पर्यावरण प्रदूषित होता जाएगा और इंसान के लिए खतरे की घंटी तेज होती जाएगी।
¨जिंदगी के हर मोड़ पर पौधों की जरूरत पड़ती है। चाहे वह हवा की हो, पानी की हो, छाया की हो या फिर उसके फल व लकड़ी की बात हो। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो अगर आप एक आम का पौधा लगाते हैं तो उसका फल आप के साथ आपके परिवार के लोग खाते हैं लेकिन उससे छाया कई इंसान और पशु लेते हैं। कई पक्षियों का आशियाना भी उसी पेड़ पर होता है। आज जो प्रदूषण बढ़ रहा है अगर पर्याप्त संख्या में पौधे लगें तो इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।










