
गोरखपुर। बच्चों को उनके किताबों में पढ़ाया जाता है कि भारत का राष्ट्रीय खेल हाकी है। जबकि भारत सरकार ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नही प्रदान की है। भारत सरकार सभी खेलो को बढ़ावा देना चाहती है। उक्त तथ्य का खुलासा एक आरटीआई में हुआ है।
बड़हलगंज उपनगर के एलएलबी छात्र व आरटीआई एक्टिविस्ट शिवम गुप्ता ने बीते 02 फरवरी को खेल मंत्रालय को आरटीआई के माध्यम से पत्र लिखकर दो सवाल पूछा था। जिसमे पहला था कि भारत सरकार ने किस खेल को राष्ट्रीय खेल के रुप में मान्यता प्रदान किया है तथा दूसरा यह था कि खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के अंतर्गत अबत क कुल कितने स्वदेशी खेलों को शामिल किया गया है।

जिसके जवाब में शुक्रवार को खेल मंत्रालय की तरफ से प्राप्त उत्तर में कहा गया है कि भारत सरकार ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल के रुप में घोषित नहीं किया है। क्योंकि सरकार का उद्देश्य सभी लोकप्रिय खेलों को प्रोत्साहित करना है। जबकि दूसरे सवाल का अभी तक खेल मंत्रालय ने कोई जवाब नही दिया है। विधि छात्र व आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा कि जब सरकार किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा नही प्रदान करती है तो सरकार को किताबों में यह नही पढ़ाना चाहिए। जिससे कि छात्रों में भ्रम की स्थिति पैदा हो।










