
मैनपुरी। कोरोना वायरस के खिलाफ हमारे देश में वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस अवसर पर सुदिती ग्लोबल एकेडमी के प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन एवम प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा0 कुसुम मोहन ने भी वैक्सीन की पहली डोज ली। ज्ञात है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए से शुरू हो गया है। इसी क्रम में आज प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन एवं डा0 कुसुम मोहन ने आज सिटी हाॅस्पीटल, मैनपुरी पहुंचकर वैक्सीन की पहली खुराक ली, साथ ही उन्होंने सभी मैनपुरी निवासियों से भी वैक्सीन लगवाने की अपील भी की।
उन्होंने कहा कि यह तारीफ के काबिल है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने के लिए तेजी से काम किया है। उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं जो भी वैक्सीन लगवाने के योग्य है, वह देश को कोरोना मुक्त बनाने में साथ आए। वैक्सीन लगवाने के लिये को-विन 2.0 पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो चुका है। नागरिक किसी भी समय और कहीं भी टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन और बुकिंग इस पोर्टल का उपयोग करके या आरोग्य सेतु जैसे अन्य आईटी एप्लीकेशन के माध्यम से कर सकते हैं।
अगर आपको किसी दवा से एलर्जी है, तो कोरोना का टीका लेने से पहले ये बात डॉक्टर को जरूर बताएं। टीकाकरण से पहले अच्छी तरह से खाना खाएं और भरपूर नींद लें। जितना संभव हो उतना आराम करने की कोशिश करनी चाहिए। डॉक्टरों का परामर्श उन लोगों की मदद कर सकता है जो चिंतित महसूस कर रहे हैं। मधुमेह या रक्तचाप वाले लोगों को इन पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। कैंसर रोगी और विशेष रूप से कीमोथेरेपी करा रहे लोग, चिकित्सा सलाह पर ही कोई भी करें। जिन लोगों को कोविड-19 उपचार के रूप में रक्त प्लाज्मा या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्राप्त हुए हैं या जो पिछले डेढ़ महीने में संक्रमित हुए हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अभी वैक्सीन न लें।शरीर के जिस हिस्से पर टीका लगाया गया है, वहां दर्द होना और टीके की वजह से बुखार जैसे दुष्प्रभाव आम हैं। इससे घबराने की कोई बात नहीं है।
ठंड लगने और थकान जैसे कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी दिख सकते हैं, लेकिन ये 24 घंटे के भीतर ही दूर भी हो जाते हैं। उन्होने सभी लोगों से अपील करते हुये कहा कि अगर आप कोरोना का टीका ले चुके हैं, तो भी वायरस से बचने के लिए जिन नियमों का पालन हम अभी कर रहे हैं (जैसे- मास्क पहनना, छह फीट की सुरक्षित शारीरिक दूरी रखना और हाथ धोना), बाद में भी उन नियमों का पालन करते रहना जरूरी है। दरअसल, टीके हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को सिखाते हैं कि बाहरी खतरे को कैसे पहचानें और उनसे कैसे लड़ें। आमतौर पर वायरस के खिलाफ सुरक्षा (प्रतिरक्षा) का निर्माण करने में शरीर को टीकाकरण के बाद कुछ हफ्ते लगते हैं। इसका मतलब यह है कि टीकाकरण के तुरंत बाद भी कोई व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित हो सकता है, क्योंकि व्यक्ति के पास प्रतिरक्षा विकसित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता है। इसलिए टीकाकरण के बाद भी मूल एहतियाती उपायों का पालन किया जाना चाहिए।










