
मैनपुरी। रामलीला मैदान पर श्री रामकथा में तीसरे दिन आचार्य ने कहा कि रामचरितमानस और भगवान राम के नाम को घर घर तक पहुंचाने में मातृ शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है।
आचार्य शशि शेखर जी ने कहा कि मन्थरा, कैकयी, सुपर्णखा और माता शबरी इनके चरित्र के बिना रामचरितमानस अपूर्ण है। भगवान भोलेनाथ के मुख से प्रथम बार भगवान राम चरित्र की गाथा मातृ शक्ति भी माता पार्वती के कहने पर ही सुनाई गई थी। शंकर जी ने रामकथा सुनाते हुए कहा कि राम जी के अवतार के अनेक कारण थे। जिनमें रावण का अत्याचार, अधर्म पर धर्म की विजय और महर्षि नारद जी का अभिशाप जो उन्होंने भगवान विष्णु को एक बार दिया था। आचार्य ने कहा कि अगर मनुष्य को धन चाहिए तो वह लक्ष्मी माता के सानिध्य में, बुद्धि चाहिए तो सरस्वती माता की शरण में, शक्ति चाहिए तो माता दुर्गा की शरण में, अगर बल चाहिए तो हनुमान जी की शरण में और अगर भगवान को पाना है तो गुरु की शरण में जाना चाहिए।
इससे पूर्व जजमान सुशीलकान्त उपाध्याय, विवेक सिंह चैहान सहित कमेटी के पदाधिकारियों ने व्यास जी का पूजन किया। रामलीला मैदान की बाउंड्रीवाल के निर्माण मे सहयोग करने वाले आचार्य तिलकेन्द्र शेखर त्रिपाठी, आचार्य सतेंद्र मिश्रा, पूर्व विधायक अशोक चैहान, चेयरमैन कुसमरा संजय गुप्ता, रामेश्वर सिंह राठौर, ज्ञान स्वरूप अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, रणवीर सिंह, संजय अग्रवाल, शरद अग्रवाल, नरेंद्र राठौर, अमरनाथ भारद्वाज, राजेन्द्र राठौर को आचार्य जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस दौरान आचार्य पं शील नामाचार्य, वीरसिंह भदौरिया, बीनू बंसल, अशोक गुप्ता पप्पू, लक्ष्मी नारायण तापड़िया, आदित्य जैन, हरीबाबू गुप्ता, नरेंद्र राठौर, मनोज चैहान, हर्ष गुप्ता, सर्वेश गुप्ता, रामकुमार मिश्रा, सुरेंद्र चैहान, धीरज कुमार, विनोद बाबू, पूनम उपाध्याय, ज्योति चैहान, निधि तोमर, ममता चैहान, मधु चैहान, बबिता चैहान, पूनम चैहान, रवि श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।










