
ज्ञानप्रकाश अवस्थी, संवाददाता
कानपुर। हैलट अस्पताल में भर्ती दो (Mucormycosis)ब्लैक फंगस के मरीज़ों का सफल ऑपरेशन किया गया एक युवा मरीज की संक्रमित नाक ,साइंनस का ऑपरेशन करने के साथ ही एक मरीज की आँख निकालनी पड़ी । लगातार तीन घण्टे चले इस ऑपरेशन में न्यूरो ,नेत्र ,ईएन टी तथा
नेत्र विभाग की डॉक्टरो की टीम द्वारा किया गया । डाक्टरो की सयुक्त टीम ने दिमाग मे संक्रमण को पहुँचने से रोकने का प्रयास करती रही। वही ,टीम ने महोबा महिला का डेढ़ घण्टे तक आँख बचाने की लगातार कोशिश की । ऑपरेशन आखिरकार ऑपरेशन सफल होने का दावा किया
। आपको बतादे की ब्लैक फंगस से दो मरीजों की मौत हो चुकी है। हैलट में भर्ती ब्लैक फंगस के 12 मरीजों में से 2 की हालत गंभीर बनी हुई है । मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य डॉक्टर आर बी कमल ने बताया कि एक मरीज़ जिसकी की आँख में और साइनस में फंगल इन्फेक्शन बहुत ज़्यादा फैल गया था उसका डॉक्टरों की टीम ने दोनों स्थानों से पूरी तरह से सफ़ाई कर दी और दूसरी मरीज़ जिसकी आँख में कम संक्रमण फैला हुआ था और नाक में संक्रमण उसका सफ़ाई करके इंजेक्शन Amphotericin भी लगा दिया गया है।
नेत्र विभाग के डॉक्टरों की टीम में मुख्य रूप से डॉक्टर शालिनी मोहन, डॉक्टर नम्रता पटेल तथा डॉक्टर प्रियेश रहे और उन्होंने बताया कि यदि शुरुआती दौर में ही काली फंगस का इलाज कर दिया जाए तो वह आँख में या मस्तिष्क में नहीं जाता है और इससे फिर और बीमारी बढ़ने का ख़तरा नहीं रहता है ।
नाक कान गला विभाग की टीम में मुख्य रूप से डॉक्टर SK कनौजिया, डॉक्टर निशान सक्सेना और डॉक्टर अमृत श्रीवास्तव रही और उन लोगों ने उन्होंने बताया कि सभी मरीज़ों को कोविड या जिसमें डायबिटीज़ कंट्रोल में न रहे ऐसी स्थिति में अपनी नाक का जाँच ज़रूर करा लें जिससे कि यदि फंगस शुरुआती दौर में ही डायग्नोसिस किया जा सके जा सके और इलाज़ जल्दी हो सके।
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य डॉक्टर रिचा गिरी , एस ई सी डॉक्टर ज्योति सक्सैना तथा अन्य लोग रहे हैं










