
कोरोना हरियाणा प्रदेश में महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। यह मई महीने में कहर बनकर टूटा है। 16 मई तक प्रदेश में 2468 महिलाओं की कोरोना से मौत हो चुकी है। 10 से 16 मई तक के सप्ताहभर में ही 430 महिलाओं की मौत हुई है। इनमें 200 गृहिणी यानी हाउस वाइफ शामिल हैं। कोरोना से प्रदेश में अब तक कुल 887 गृहणियों की जान जा चुकी है।
16 मई तक प्रदेश में हुई कुल 6685 मौतों के ऑडिट में यह सामने आया है कि कुल मौतों में 37 फीसदी महिलाओं की संख्या है। यही नहीं 16 मई तक प्रदेश में 269736 महिलाओं को कोरोना हुआ है। गत एक सप्ताह में ही 30,949 महिलाओं को कोरोना हुआ है। 11 अप्रैल तक महज 321 हाउस वाइफ की मौत कोरोना से हुई थी, लेकिन पिछले करीब सवा माह में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है।
हालांकि अब कोरोना के केस काफी हद तक घट गए हैं, मौतों का आंकड़ा भी 100 से नीचे आ चुका है। फिर भी हम सबको कोरोना से बचने के लिए नियमों का पालन करना होगा, क्योंकि मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है और दूसरी लहर का शिकार महिलाएं विशेषकर गृहणियां हुई हैं।
7 दिन में 635 बुजुर्गों की मौत
कोरोना से प्रदेश में अब तक 3874 सीनियर सिटीजन की मौत हो चुकी है। जबकि 9 मई तक 3239 सीनियर सिटीजन की मौत हुई थी यानी पिछले एक सप्ताह में ही 635 सीनियर सिटीजन की कोरोना से मौत हुई है। यह कुल मौतों का 58 फीसदी है।
52 किसान और श्रमिक भी सप्ताहभर में जिंदगी की जंग हारे
अपनी मेहनत से लोगों का पेट भरने वाले श्रमिक व किसान भी कोरोना से जंग हार रहे हैं। पिछले करीब एक सप्ताह में 52 किसानों व श्रमिकों की कोरोना से मौत हुई है। अब तक 236 किसान व श्रमिकों की मौत हो चुकी है। पिछले करीब सवा माह में ही 142 की मौत हुई है। सप्ताहभर में 15 सरकारी कर्मचारियों की भी कोरोना से जान चली गई।
1 सप्ताह में 7 छात्रों की मौत, अब तक 49 जानें गईं
कोरोना से हो रहीं मौतों के ऑडिट पर नजर दौड़ाएं तो सामने आया है कि 10 से 16 मई तक के सप्ताह में कोरोना से 7 विद्यार्थियों की जान चली गई। अब तक कोरोना से 49 विद्यार्थियों की मौत हो चुकी है। पिछले करीब सवा माह में 26 विद्यार्थियों की जान गई है।
947 जॉब व बिजनेस वाले चल बसे
महामारी में अब तक 947 ऐसे लोगों की जान गई है, जो प्राइवेट जॉब या बिजनेस करते हैं। पिछले एक सप्ताह में ऐसे 138 लोगों ने कोरोना के चलते दम तोड़ दिया। 11 अप्रैल यानी करीब एक माह पहले तक इस वर्ग की मौतों का आंकड़ा महज 453 था, यानी महीने भर में ही 496 लोगों की जान चली गई।















