कानपुर का हाल : सरकारी अस्पतालों में मरीजों को रेफर करने का सिलसिला जारी

गिड़गिड़ाते रहे परिजन,एसीएम के सख्त रूख के बाद बुजुर्ग को किया भर्ती
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को रेफर करने का सिलसिला जारी
कानपुर। शहर के सरकारी अस्पतालों को शासन के दिशा-निर्देशों की परवाह नहीं है। हैलट और कार्डियोलॉजी में मरीजों को रेफर करने का सिलसिला जारी है। हैरानी की बात तो यह है कि,हैलट में बेड उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को इलाज के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।


रायपुरवा निवासी श्री कृष्ण गुप्ता का सत्रह वर्षीय बेटा हरिओम शुक्रवार सुबह घर पर अचानक बेहोश हो गया। घबराये परिजन किशोर को बेहोशी की हालत में ई रिक्शा से लेकर हैलट इमरजेंसी पहुंचे। यहाँ पहुँचने पर किशोर की उम्र को लेकर पेंच फंसा तो यहां से डाँक्टर ने उसे बाल रोग विभाग रेफर कर दिया। बाल रोग विभाग पहुंचने पर किशोर की जब जांच की गई तो उसके शरीर में आँक्सीजन लेवल की कमी पाई गयी। किशोर को भर्ती करने के बाद उसका इलाज शुरू किया गया।


भर्ती करने के बजाय डाँक्टर ने जाने की दे दी सलाह
जनपद प्रयागराज के मेजा गाँव निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग चंद्रभान सिंह को हार्ट में दर्द और किडनी में संक्रमण होने पर उनके दोनों बेटे प्रमोद और अर्पण सीधे कानपुर में कार्डियोलॉजी लेकर पहुंचे। यहां डाँक्टर ने हार्ट में दर्द होने पर बुजुर्ग को भर्ती करने के बजाय पहले किडनी का इलाज करवाने के लिए हैलट रेफर कर दिया। हैलट पहुंचने पर परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन यहां डाँक्टर ने भर्ती करने के बजाय बुजुर्ग को वापस घर जाने की सलाह दे दी। पिता को भर्ती नहीं किये जाने से निराश दोनों बेटे वापस जाने लगे तो इसी बीच हैलट इमरजेंसी में निरीक्षण करने आये एसीएम 6 पीएन सिंह के पास बेटा प्रमोद पहुंचा और अपनी आपबीती बताई। एसीएम ने पूरा मामला समझने के बाद सख्त रूख अपनाते हुए बुजुर्ग को हैलट में भर्ती कराया।

तीस घंटे तक महिला को भर्ती कराने के लिए परिजन भटके
ग्राम सायपुर हरदोई निवासी मुनेंद्र सिंह की पत्नी ममता को गले में तकलीफ होने के कारण वो कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ है। पति के मुताबिक़,कुछ जांचों की सुविधा नहीं होने का हवाला देकर गुरुवार सुबह जेके कैंसर में भर्ती नहीं किये जाने के बाद से वो अपने बेटे सूरज के साथ इलाज के लिए गंभीर हालत में पत्नी को लेकर पिछले तीस घंटे से भटकते रहे। शुक्रवार दोपहर फिर से पत्नी को लेकर हैलट पहुंचे तो यहां ईएमओ ने महिला की हालत नाजुक देख भर्ती तो कर लिया। लेकिन कैंसर अस्पताल से लिखी गयी जांचों की सुविधा यहां उपलब्ध नहीं होने पर महिला को लखनऊ रेफर कर दिया गया।

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