इस जिले में बच्चों पर शुरू हुआ कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल, 15 को दी गई पहली डोज

कानपुर ; अन्य प्रदेशों के बाद अब यूपी के कानपुर जनपद में भी बच्चों पर कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है. भारत देश ने कोरोना महामारी से बचने के लिए सबसे पहले वैक्सीन बनाकर विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित किया है। वैक्सीन ट्रायल के लिए ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि कानपुर के कई अस्पताल इस कीर्तिमान में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। दरअसल, बच्चों को बचाने के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च हैदराबाद ने देश के छह अस्पतालों को स्वदेशी कोवैक्सीन ट्रायल की जिम्मेदारी सौंपी है। इसी क्रम में सबसे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स दिल्ली में ट्रायल शुरू हुआ है तो वही कानपुर समेत देश के पांच स्थानों पर ट्रायल प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें कानपुर के आर्य नगर स्थित प्रखर हॉस्पिटल ने भी बीते दिनों 50 में से 15 बच्चे वॉलिंटियर को वैक्सीन की पहली डोज दी है।

 बता दें कि कानपुर में हो रहे इस ट्रायल से ना सिर्फ गौरव महसूस हो रहा है बल्कि वैक्सीन ट्रायल के लिए बच्चों में खासा उत्साह भी देखने को मिल रहा है। साथ ही प्रखर हॉस्पिटल के चीफ गाइड डॉक्टर जेएस कुशवाहा ने बताया कि वैक्सीन लगाने से पहले बच्चों के अभिभावकों से अनुमति ली गई। फिर उनके स्वास्थ्य की जांच कर स्वस्थ बच्चों की एंटीबॉडी जांच, रक्त का सैंपल, rt-pcr जांच के लिए थ्रोट और नेजल स्वाब को आईसीएमआर की लैब में भेजा गया। उसके बाद पहले दिन 12 बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई जबकि 28 दिन बाद इन वॉलिंटियर्स को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी। 

गौरतलब है कि विशेषज्ञ तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक खतरे की आशंका जता रहे हैं,. ,लिहाजा बिहार और दिल्ली एम्स में इसका ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है. ट्रायल सफल होने पर देश में बच्चों का भी टीकाकरण शुरू किया जाएगा। 

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