पीएम मोदी ने यूपी को दिया बड़ा तोहफा, सभी सात नेताओं को बनाया गया केंद्र में राज्य मंत्री

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सात भाजपा नेता आज पीएम मोदी की कैबिनेट में शामिल हो गए। मिर्जापुर की अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel), महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary), जालौन के सांसद भानु प्रताप (Bhanu Pratap), आगरा के डॉ. एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghek), राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा (BL Verma), खीरी से सांसद अजय मिश्रा (Ajay Mishra), मोहनलाल गंज के सांसद कौशल किशोर (Kaushal Kishore) को केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। किसी को भी मंत्री पद नहीं मिला। बुधवार दोपहर बाद यह ऐलान हुआ और कुछ ही देर बार शाम छह बजे सभी ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। इस दौरान महाराजगंज से भाजपा सांसद पंकज चौधरी को राष्ट्र्पति रामनाथ कोविंद ने ठीक से शपथ न लेने पर टोका भी। 

शपथ पत्र नहीं पढ़ पाए पंकज-
दरअसल सांसद पंकज चौधरी की जब राज्यमंत्री पद की शपथ लेने की बारी आई। तो वह पोजीशन पर पहुंचे और पद व गोपनियता का शपथ पत्र पढ़ने लगे। लेकिन उसमें उन्हें पत्र को गलत पढा, तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें टोका। और दोबारा उन्होंने शपथ पत्र को सही से पढ़ा। 

भाजपा की यह है रणनीति-

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, मोदी कैबिनेट में इन सात नेताओं के राज्यमंत्री बनाए जाने की पीछे 2022 चुनाव में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। सभी 7 राज्यमंत्रियों में से सिर्फ एक सामान्य वर्ग से हैं। तीन मंत्री पिछड़ा वर्ग व तीन दलित समुदाय से हैं। पंकज चौधरी, बीएल वर्मा व अनुप्रिया पटेल पिछड़े समुदाय से हैं। वहीं एसपी सिंह बघेल, भानु प्रताप सिंह वर्मा व कौशल किशोर दलित समुदाय से हैं। वहीं ब्राह्मणों को साधने के लिए भाजपा ने चंदौली से सांसद महेन्द्रनाथ पांडेय के बाद अब लखीमपुर खीरी सांसद अजय मिश्रा को राज्यमंत्री बनाया है। भाजपा यह बखूबी जानती है कि पिछड़ों और दलितों को नजरअंदाज कर न लोकसभा व न विधानसभा चुनाव जीता जा सकता है। 2017 चुनाव और 2019 चुनाव इसी संतुलन को बनाकर भाजपा ने फतह हासिल की थी। प्रदेश में 39 फीसदी वोटबैंक पिछड़ों का है, तो 25 फीसदी दलितों का है। ऐसे में इन्हें साध कर भाजपा आगामी चुनाव में अपनी जीत की राह को आसान करना चाहती है।

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