
कैबिनेट विस्तार के 2 घंटे बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने नई टीम को विभागों का जिम्मा भी सौंप दिया। इसमें यूपी के 7 नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किया गया, जबकि कुछ पुराने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हुई।
वैसे तो इस बार यूपी के जिन 7 लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है उनमें से किसी को भी कैबिनेट का दर्जा नहीं मिला है। इन सभी को राज्यमंत्री ही बनाया गया है, हालांकि विभागों के बंटवारे में जरूर थोड़ा फायदा मिला है। खीरी से सांसद अजय मिश्र टेनी और राज्य सभा सांसद बीएल वर्मा को गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी टीम में शामिल किया है। अजय मिश्र को गृह राज्य मंत्री बनाया गया है, जबकि बीएल वर्मा दो दिन पहले ही बनी सहकारिता मंत्रालय में राज्यमंत्री होंगे। ये मंत्रालय भी अमित शाह के पास ही है। इसी तरह पंकज चौधरी को वित्त राज्य मंत्री और अनुप्रिया पटेल को कॉमर्स और इंडस्ट्री की जिम्मेदारी दी गई है। यूपी के मंत्रियों को कौन-कौन सा विभाग मिला? पढ़िए पूरी लिस्ट…
सात नए मंत्रियों को मिले विभाग
- बीएल वर्मा के पास पूर्वोत्तर राज्यों के मंत्रालय के अलावा सहकारिता मंत्रालय में राज्यमंत्री का प्रभार भी होगा। ये अमित शाह के राज्य मंत्री होंगे।
- अजय कुमार मिश्रा को भी गृह राज्य मंत्री बनाया गया है। ये अमित शाह की टीम में होंगे।
- पंकज चौधरी को वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये निर्मला सीतारमण की टीम में होंगे।
- अनुप्रिया पटेल को कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है।
- कौशल किशोर को शहरी विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है।
- एसपी सिंह बघेल को विधि एवं न्याय विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है।
- भानु प्रताप सिंह वर्मा को सूक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्योग विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है।
मोदी कैबिनेट में यूपी के किस मंत्री के पास कौन सा विभाग ?
| नाम | अब | पहले | |
| 1 | नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री | मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांस एंड पेंशन, एटॉमिक एनर्जी, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस, पॉलिसी इश्यू, जो मंत्रालय किसी को नहीं दिए गए हैं | बदलाव नहीं |
| 2 | राजनाथ सिंह | डिफेंस मिनिस्ट्री | बदलाव नहीं |
| 3 | स्मृति ईरानी | वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट | टैक्स्टाइल |
| 4 | मुख्तार अब्बास नकवी | माइनॉरिटी अफेयर्स | कोई बदलाव नहीं |
| 5 | महेंद्र नाथ पांडेय | हैवी इंडस्ट्रीज | स्किल डेवलपमेंट (प्रमोटेड) |
राज्यमंत्री में यूपी की भागीदारी
| नाम | मिनिस्ट्री | |
| 1 | वीके सिंह | रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे, सिविल एविएशन |
| 2 | साध्वी निरंजन ज्योति | कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन, रूरल डेवलपमेंट |
| 3 | संजीव बालियान | फिशरीज, एनिमल हस्बैंड्री, डेयरी |
| 4 | पंकज चौधरी | फाइनेंस |
| 5 | अनुप्रिया पटेल | कॉमर्स एंड इंडस्ट्री |
| 6 | एसपी सिंह बघेल | लॉ एंड जस्टिस |
| 7 | भानु प्रताप वर्मा | माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज |
| 8 | कौशल किशोर | हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स |
| 9 | बीएल वर्मा | नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट, को-ऑपरेशन मिनिस्ट्री |
| 10 | अजय कुमार | होम अफेयर्स |
7 नए मंत्रियों में 3 ओबीसी, 3 दलित और एक ब्राह्मण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में उत्तर प्रदेश के जिन 7 नए सांसदों को शामिल किया गया है, उनमें 3 ओबीसी, 3 दलित और एक ब्राह्मण चेहरा है। इसी के साथ अब उत्तर प्रदेश से टीम मोदी में 15 लोग शामिल हो गए हैं।
यूपी में सत्ता के लिए 7 चेहरों पर दांव…
1. अनुप्रिया पटेल: वाराणसी से लगी मिर्जापुर लोकसभा सीट से सांसद अनुप्रिया कुर्मी चेहरा हैं। उनका पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड पर अच्छा प्रभाव है और यहां पर कुर्मी वोट भी अच्छी खासी संख्या में हैं। अपना दल (S) की अध्यक्ष अनुप्रिया भाजपा की सहयोगी हैं और उनकी कैबिनेट में मौजूदगी से बुंदेलखंड इलाके में NDA को फायदा होगा।
2. बीएल वर्मा: भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं। कल्याण सिंह की सक्रिय राजनीति में गैरमौजूदगी के चलते ही भाजपा उन्हें लोधी चेहरे के तौर पर आगे बढ़ा रही है। मध्य उत्तर प्रदेश में ये वोट विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
3. एसपी सिंह बघेल: आगरा से सांसद हैं। वे कभी मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी माने जाते थे। लेकिन, 2017 में अमित शाह उन्हें भाजपा में लेकर आए थे। एससी कोटे से आने वाले एसपी सिंह पाल-बघेल वोट बैंक पर पकड़ रखते हैं।
4. कौशल किशोर: शाह के ही करीबी माने जाते हैं और कोरोना काल में यूपी सरकार के खिलाफ मुखर भी रहे। मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में एससी वोट पर उनकी पकड़ है। उन्हें कैबिनेट में शामिल करना और एससी वोट को और बढ़ाना भाजपा का टारगेट है।
5. पंकज चौधरी: महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी से हैं। 6 बार सांसद रह चुके हैं और गोरखपुर से सटे महाराजगंज इलाके में उनकी पकड़ काफी मजबूत है। कुर्मी समुदाय से आने वाले संतोष गंगवार से इस्तीफा ले लिया गया है। ऐसे में मोदी सरकार को उनकी जगह एक चेहरा चाहिए था।
6. भानु प्रताप वर्मा: जालौन लोकसभा सीट से सांसद हैं और बुंदेलखंड में अच्छा प्रभाव रखते हैं। एससी वोट बैंक पर उनकी पकड़ है। कोरी समाज से आते हैं और जालौन से पांचवीं बार सांसद बने हैं।
7. अजय मिश्र टेनी: मध्य यूपी के लखीमपुर खीरी से लोकसभा सांसद हैं। दूसरी बार सांसद बने हैं। ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई है। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है।












