
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कोरोना से अब तक 843 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 474 लोगों की मौत 10 अप्रैल के बाद हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा, डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया। डेल्टा प्लस सबसे ज्यादा खतरनाक है।
दिल्ली स्थित आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी) से आई 30 मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट के अनुसार बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 27 मरीज डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित थे। जबकि दो डेल्टा प्लस और एक मरीज कप्पा वैरिएंट से संक्रमित मिला।
डेल्टा के 14 मरीज BRD मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। चिंता की बात यह है कि उनमें 10 की मौत हो चुकी है। महज 4 मरीज ठीक हुए। इससे स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ गई है। आसपास के जिलों में भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। बता दें कि प्रदेश में अब तक कप्पा वैरिएंट के तीन केस मिल चुके हैं।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि जिन 10 मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 6 गोरखपुर के थे। जबकि अन्य आसपास जिलों के थे। संबंधित CMO को इसकी सूचना भेज दी गई है। ट्रैवेल हिस्ट्री और कांटैक्ट ट्रेसिंग के लिए कहा गया है।
इन जिलों मरीजों हैं मरीज
इन मरीजों में 6 गोरखपुर, एक सिद्धार्थनगर, एक देवरिया और एक कुशीनगर के रहने वाले थे। जबकि कुल मरीजों की बात करें तो 16 गोरखपुर के, छह देवरिया, दो संतकबीरनगर, दो कुशीनगर, एक बलिया और एक लखनऊ के रहने वाले हैं। इनमें 13 मरीजों के मौत की जानकारी बीआरडी के पास हैं। अन्य मरीजों की जानकारी के लिए बीआरडी ने संबंधित जिले के सीएमओ को सूची भेज दी है। माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि कोरोना के सभी वैरिएंट खतरनाक है। ऐसे में अभी भी लोग सतर्कता बरतें। क्योंकि दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है। अगर लोग लापरवाही करेंगे तो इसका खामियाजा आने वाले दिनों में लोगों को भुगतना पड़ेगा
काफी खतरनाक है डेल्टा वैरिएंट
अब तक जहां डेल्टा प्लस वैरिएंट को खतरनाक माना जा रहा था। वही मौत के आंकड़े देखने के बाद जिले में डेल्टा वैरिएंट को भी खतरनाक माना रहा है। इसकी वजह यह है कि डेल्टा के 10 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि डेल्टा प्लस के दो मरीजों में एक मरीज की मौत हुई है। एक मरीज स्वस्थ्य होकर घर पर हैं। वही, कप्पा वैरिएंट के भी एक मरीज की मौत हो चुकी है।
वैक्सीनेशन ने बचाई जान
डेल्टा प्लस वैरिएंट की दूसरी मरीज एमबीबीएस की छात्रा है। वह मई माह में संक्रमित हुई थी, लेकिन उससे पहले उसने वैक्सीन के दोनों डोज ले लिए थे। इसकी वजह से वह गंभीर रूप से बीमार नहीं हुई। होम आइसोलेशन में रहकर वह ठीक हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन डेल्टा प्लस पर कितना असरदार है। इस पर शोध चल रहा है। ऐसे में लोग टीका जरूर लगवाएं।
इलाज में नहीं होंगे कोई नए इंतजाम
कोरोना के नए वैरिएंट के इलाज के लिए विभाग कोई नए इंतजाम नहीं कर रहा है। इसमें कोविड के सामान्य प्रोटोकाल का पालन इलाज में किया जाएगा। इस दौरान लक्षणों के आधार पर इलाज होगा। कोविड संक्रमितों के इलाज में परंपरागत दवाएं शामिल रहेंगी। दरअसल बुधवार को बीआरडी मेडिकल कालेज द्वारा जांच के लिए भेजे गए 30 सैम्पलों के जिनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आ गई थी।
जिसमें 27 में डेल्टा, दो में डेल्टा प्लस, व एक सैंपल में कप्पा वैरिएंट की तस्दीक हुई है। सूबे में डेल्टा प्लस व कप्पा वैरिएंट की तस्दीक का यह पहला मामला है। यह दोनों वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले ज्यादा घातक व संक्रामक माने जा रहे हैं। प्रिंसिपल डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि जब तक शासन से निर्देश नहीं आता तब तक पुराने इंतजाम ही रहेंगे। कोविड प्रोटोकॉल नए वैरिएंट से इलाज में सक्षम है।














