
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने कपास किसानों को मूल्य समर्थन दिलाने की योजना के तहत भारतीय कपास आयोग (सीसीआई) के नुकसान की भरपायी के लिए 17,408 करोड़ रुपये की मदद के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी। सीसीआई को यह राशि कपास सत्र 2014-15 से 2020-21 के दौरान न्यूतम घोषित मूल्य पर खरीद में नुकसान की भरपायी के लिए दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) के इस निर्णय की जानकारी सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी।
उन्होंने कहा कि सीसीईए ने कपास आयोग को मूल्य समर्थन की प्रतिबद्धता के लिए 17408 करोड़ रुपए की सहायता मंजूर की है। कपास विपण सत्र अक्टूबर से शुरू हो कर सितंबर तक चलता है। सरकार कपास की कीमतों में गिरावट से किसानों को बचाने के लिए सीसीआई के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना लागू करती है। सरकार के अनुसार कपास वर्ष 2020-21 में कपास की खेती का रकबा 1.33 हेक्टेयर था और कुल 3.60 करोड़ गांठ कपास की पैदावार हुई थी। विश्व के कपास उत्पादन में भारत का योगदान करीब एक चौथाई है।
सरकार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है। श्री ठाकुर ने बताया कि पिछले दो कपास सत्रों 2019-21 के दौरान सीसीआई ने करीब दो करोड़ गांठ कपास की खरीद करायी थी जो इस दौरान कपास के कुल उत्पादन के एक तिहाई के बराबर है।उन्होंने कहा कि इससे 11 राज्यों के कपास की खेती करने वाले 58 लाख किसानों और इस काम में लगे चार करोड़ श्रमिकों को उनकी आजीविका में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने कोविड के दौरान भी कपास की खरीद जारी रख कर किसानों की मदद की ।
कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस निर्णय से किसानों के हित की रक्षा होगी। गोयल ने ट्वीट पर कहा, ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा कपास की खरीद में एमएसपी कार्यक्रम लागू करने हेतु 17,408 करोड़ के समर्थन मूल्य को स्वीकृति दी गयी। इससे कपास की खेती में देश आत्मनिर्भर होगा तथा लगभग 58 लाख किसानों के हितों की रक्षा होगी।’














