डेराबस्सी हलके के लोगों ने खस्ताहाल सड़कों के विरोध में चुनाव का बहिष्कार करने का किया एलान, कहा-पहले सड़कें ठीक करो, तभी करेंगे मतदान

Punjab Assembly Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा। चुनावी मैदान में उतरा हर पार्टी का उम्मीदवार वोट मांगते समय लोगों से यही दावा कर रहा है कि उनकी सरकार बनते ही सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी, लेकिन अभी जिले में कई मोहल्लों की सड़कें ऐसी हैं जिनकी आज तक न राजनीतिक दलों के नुमाइंदों ने सुध ली और न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इन पर ध्यान दिया। 

डेराबस्सी विधानसभा हलके की सड़कों का हाल बेहाल है। जीरकपुर, बलटाना, पीर मुछल्ला, लोहगढ़ व वीआइपी रोड यहां पर करीब सैकड़ों ऐसे रोड हैं जहां सड़कें बदहाली पर आसूं बहा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कांग्रेस व अकाली उम्मीदवार इन टूटी सड़कों को ठीक करवाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं। जबकि नगर निकाय चुनाव के दौरान भी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने दावा किया था कि सत्ता में आते ही सड़कों की मरम्मत सबसे पहले करवाई जाएगी। बावजूद कई मोहल्लों की सड़कों की हालत बद से बद्दतर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि डेराबस्सी हलके के विधायक एनके शर्मा सिर्फ अपना विकास करते आए हैं। क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया है। अगर इस बार भी चुनाव से पहले सड़कों को ठीक नहीं किया गया तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे। 

ग्रामीणों मे अक्रोश- बोले यही विकास है

भबात, भुड्ढा, गाजीपुर सनौली के ग्रामीणों ने कहा कि बचपन से बुढ़ापा आ गया, लेकिन आज तक सड़कों की हालत ठीक नहीं हुई। सरकार सिर्फ दावा करती हैं। हकीकत में कुछ काम नहीं दिखाई देता है। जिम्मेदार गद्देदार गाड़ियों में बैठकर निकल जाते हैं, लेकिन गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बच्चे स्कूल जाते समय पानी में गिर जाते हैं। बाइक सवार भी फिसलकर घायल होते रहते हैं। बावजूद इन खस्ताहाल सड़कों को ठीक नहीं करवाया जा रहा है।

किस मुंह से मांग रहे वोट

लोहगढ़ के दुकानदार महावीर ने कहा कि हर बार चुनाव में सड़कों के नाम पर वोट मांगे जाते हैं। लेकिन चुनाव होने के बाद पांच साल तक नेता सड़कों की सुध नहीं लेतेअब किस मुंह से उम्मीदवार वोट मांगने आ रहे हैं। इस बार सोच समझकर अपने प्रत्याशी को वोट देंगे।

चुनाव नजदीक आते ही करवाए जाते हैं काम

गांव पभात के रहने वाले ईश्वर सिंह बोले कि नई सड़कें बनानी तो दूर जो पहले से बनी सड़कें थी।  उन्हें भी तोड़कर पैवर लगाने का काम शुरू करवा दिया। वह भी अधर में लटका हुआ है।  हमेशा चुनावों के नजदीक आने पर ही काम में तेजी दिखाई जाती है और 5 साल तक अधिकारी जेबें गर्म करते रहते हैं।

दुर्घटनाओं के बावजूद सड़कें ठीक नहीं

बलटाना निवासी रवि मोदी का कहना है कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के बावजूद सड़कें ठीक न कराने के पीछे सरकारी उदासीनता व लापरवाही सामने आती हैं। सड़कें बनाते समय घटिया सामग्री का उपयोग आम बात है। सड़कों पर गड्ढे जानलेवा साबित होते हैं। टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से भूमिगत केबल बिछाने के बाद उन्हें सही ढंग से नहीं भरना मुख्य कारण हैं।

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