भोपाल । आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन किया है। प्रदेश की कुल 29 सीटों में तीन सीटें सपा के खाते में गई है, जबकि शेष 26 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। बसपा ने दो सीटों मुरैना और सतना पर अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिये हैं और शेष 24 साटों के लिए उम्मीदवारों की तलाश जारी है। लोकसभा चुनाव के लिए इन 24 सीटों पर टिकट के दावेदारों को पार्टी ने आगामी 10 मार्च को भोपाल बुलाया है, जहां राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम उनसे वन -टू वन चर्चा करेंगे और इसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती इन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगी। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीपी चौधरी ने मीडिया को दी है।
उन्होंने बताया कि पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हुई है। बसपा ने मुरैना और सतना सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मुरैना में पूर्व सांसद डॉ रामलखन सिंह कुशवाह और सतना से अच्छेलाल कुशवाह पार्टी के उम्मीदवार घोषित किये गये हैं। वहीं, बालाघाट, खजुराहो और टीकमगढ़ सीट चुनावी समझौते के तहत सपा के खाते में गई है। इन तीन सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यहां पार्टी सपा के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। शेष 24 साटों के लिए पार्टी अपने उम्मीदवारों की तलाश कर रही है। इसके लिए फिलहाल गांव-गांव में सत्ता प्राप्ति यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा रविवार, तीन मार्च को भोपाल पहुंची। इस यात्रा में पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव के दावेदारों की तलाश की जा रही है।
डीपी चौधरी ने बताया कि आगामी 10 मार्च को भोपाल में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के दावेदारों को भी आमंत्रित किया गया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम इस बैठक में दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। साथ ही बैठक में पार्टी पदाधिकारी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे। इसके अलावा पार्टी ने जिला संगठनों से चुनाव संबंधी फीडबैक मंगवाया गया है, उस पर भी बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद शेष 24 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी।
कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने वाली है। ऐसे में प्रदेश में राजनीतिक दल मतदाताओं को रिझाने के हर संभाव प्रयास कर रहे हैं। बसपा को ग्वालियर-चंबल और विंध्य अंचल से ज्यादा उम्मीदें हैं। इनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, दमोह, रीवा, सीधी और शहडोल लोकसभा सीटों पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में हुए मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा को एक और बसपा को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं, वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा को 3.79 फीसदी वोट मिले थे, जबकि सपा को 0.74 फीसदी मतों से संतोष करना पड़ा था। गत विधानसभा चुनाव में बसपा का वोट शेयर 3.79 से बढक़र 5 फीसदी हो चुका है। विधानसभा चुनाव में दोनों ही दल अलग-अलग लड़े थे, कई सीटों पर सपा-बसपा उम्मीदवारों ने कांग्रेस-बीजेपी के गणित को खराब किया था। बावजूद इसके मध्य प्रदेश में दोनों ही दलों ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया है, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले गठबंधन में कांग्रेस को दूर ही रखा गया है। ऐसे में एक बार फिर लोकसभा चुनाव में बसपा-सपा कांग्रेस बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती है।