महाराणा खुम्मान सिंह ने की थी मंदिर की स्थापना

अभिषेक तोमर,धौलानाः क्षेत्र के गाँव कंदौला में प्राचीन देवी मंदिर पर प्रत्येक वर्ष दुर्गा मेला लगता है। इस बार यहाँ 12 अप्रैल से मेले का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें बच्चों की जात भी लगाई जाएगी।भक्त मुराद मागंते हैं।जिनकी मुराद पूरी होती है।

बताया गया है कि इस मंदिर की स्थापना चित्तौड़ के महाराणा खुम्मान सिंह ने की थी।महाराणा खुम्मान सिंह चित्तौड़ से पृथ्वीराज चौहान का सहयोग करने आए थे।उस समय खुम्मान सिंह अपने रथ पर सवार होकर आ रहे थे।रथ मे पूजा अर्चना करने के लिए दुर्गा माँ की प्रतिमा भी थी।जैसे ही उनका रथ कंदौला गाँव के समीप पहुँचा तो वहाँ गढढे में पहिया गिर जाने के चलते दुर्गे माँ की प्रतिमा जमीन पर गिर गयी।जिसको खुम्मान सिंह ने उठाने का प्रयास किया।लेकिन प्रतिमा हिल नही सकी।जिसके बाद महाराणा खुम्मान सिंह ने उस समय वहाँ पर एक मठ बनवा दिया।जिसके अंदर दुर्गे माँ की तस्वीर थी।उस समय यहाँ पर कोई भी गाँव बसा हुआ नही था।चारो तरह जंगल ही जंगल दिखाई देता था।मठ बनवाने के बाद महाराणा खुम्मान सिंह ने अपना डेरा वहाँ से करीब छह किलोमीटर दूर जाकर डाला।जहाँ पर देहरा गाँव बसा हुआ है।डेरा से उसका नाम देहरा पड गया।

वहाँ से खुम्मान सिंह रथ में सवार होकर माँ दुर्गे की पूजा अर्चना करने रोजाना जाते थे।उसके बाद यहाँ पर भी शिशौदियाओ का गाँव कंदौला बस गया।जब ग्रामीणो ने गाँव के बाहर मठ बना हुआ देखा और उसमें दुर्गे माँ की प्रतिमा विराजमान थी।तभी से लोगो ने उस मंदिर पर पूजा अर्चना करनी शुरू कर दी।जिसके बाद वहाँ पर बड़ा मंदिर बनवाया गया।इसके अलावा दुर्गे माँ की  प्रतिमा के साथ साथ और भी प्रतिमाओ की स्थापना की गयी।लेकिन खुम्मान सिंह द्वारा लायी गयी प्रतिमा आज भी छोटी सी स्थापित है।

लोगों की इस मंदिर के प्रति आस्था बढ़ गयी।यहाँ पर दुर्गे मेले का आयोजन भी प्रचीन समय से हो रहा है।भक्तगण यहाँ पर आकर अरदास लगाते है।माँ भक्तो की अरदास पूरी करते है।यहाँ पर देवी की जात तक लगायी जाती है।प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जाता हैं।यह मंदिर महाराणा खुम्मान सिंह द्वारा ही स्थापित कर दिया था।उन्होने प्रतिमा उठाने का प्रयास किया।लेकिन देवीय शक्ति के चलते प्रतिमा हिली तक नहीं थी।जिसके बाद खुम्मान सिंह को लहाँ पर एक मठ बनवाना पड़ा।तभी से यह मंदिर क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं।यहाँ पर दूर दूर तक के भक्तगण अरदास लगाते हैं।

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