नगरपालिका कर्मी के पौत्र के अपहरण का पुलिस नहीं कर पाई खुलासा कमिश्नर से लगाई गुहार

भास्कर समाचार सेवा

मुरादनगर ।चार हथियारबंद बदमाश 10 वर्ष के बच्चे का अपहरण उनके चंगुल से बचकर 4 ,किलोमीटर निर्वस्त्र बच्चे की घटनास्थल से जीतपुर तक दौड़ और पुलिस कथित अपहरण कांड का खुलासा नहीं कर पाई। मामला नए कमिश्नर के पास पहुंच गया हैं। जिसमें बच्चे के दादा कंवरपाल ने पुलिस पर लापरवाही करने बदमाशों की गिरफ्तारी न होने पर पूरे परिवार में डर होने का हवाला देते हुए अपहरण करने वालों की गिरफ्तारी की मांग ज्ञापन देकर कमिश्नर से की है। घटना 26 नवंबर की शाम को बताई जा रही इस अपहरण कांड का खुलासा नहीं कर पाने पर पुलिस की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। पुलिस दुर्दांत अपराधियों को भी पकड़ने में देर नहीं लगाती जब वह कड़ियों को जोड़ लेती है लेकिन यहां पुलिस फेल नजर आ रही है क्योंकि पुलिस इस पूरे मामले को ही संदेह से देख रही है ।आरव 10,वर्ष अपने माता-पिता के साथ हाईवे के निकट स्थित एक कॉलोनी में रहता है ।पीड़ित परिवार की ओर से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि बच्चा सब्जी लेने आयुध निर्माणी क्षेत्र में साइकिल द्वारा गया था रास्ते में कार सवार चार बदमाशों ने उसका अपहरण कर कार में डाल लिया उसके कपड़े उतारकर फेंक दिए साइकिल भी वही पड़ी रह गई बकौल पीड़ित परिवार एक बदमाश के हाथ में काटकर बच्चा बदमाशों के चंगुल से भाग खड़ा हुआ और वह निकट में ही स्थित अपने माता-पिता के घर न जाकर 4 ,किलोमीटर की दूरी तय कर जीतपुर स्थित अपने दादा के घर सड़क पर दौड़ता हुआ निर्वस्त्र ही पहुंच गया ।क्या इस 4 ,किलोमीटर के बीच में कोई भी सीसीटीवी कैमरा लगा नहीं है या फिर बच्चे के वहां से भागते समय कैमरे बंद हो गए क्या सड़क पर चलते राहगीरों ने निर्वस्त्र दौड़ते मासूम की ओर ध्यान नहीं दिया क्या चारों बदमाश एक अपहरण करने के बाद अन्य कार्यों में इतने मशगूल हो गए कि उन्हें अपहरण कर गाड़ी में डाले गए बच्चे का ध्यान ही नहीं रहा बच्चा भागा तो क्या कार सवार बदमाशों ने पैदल दौड़ रहे बच्चे का पीछा कर उसे दोबारा पकड़ने का प्रयास क्यों नहीं किया ऐसे कई प्रश्न इस पूरे मामले को रहस्यमय बना रहे हैं? इस तरह से अपहरण होना वाकई लोगों के लिए चिंता का विषय है आखिर इस अपहरण कांड का खुलासा पुलिस क्यों नहीं कर पा रही ।यदि बच्चे का वाकई अपहरण हुआ वह बदमाशों के चंगुल से बचकर भाग निकलने में कामयाब हुआ यह उसकी और उसके परिवार की किस्मत ऐसे में घटना का खुलासा होना आवश्यक है और यदि पुलिस को मामला संदिग्ध लग रहा है तो उसका पटाक्षेप होना भी जरूरी है। पुलिस के पास ऐसे भी केस आते हैं जिसमें अपराधी खुद झूठी सूचना देकर पुलिस को भ्रमित कर अपने अपराधों को दूसरों के सिर मढने की कोशिश करते हैं लेकिन पुलिस ऐसे मामलों का भी पर्दाफाश करती है ।यहां की पुलिस जवाब दे रही है कि घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी फुटेज देखे जा रहे हैं क्या इतने दिन में वह नहीं मिले और यदि कैमरों की जद में बच्चा बदमाश नहीं आए तो क्या और कोई रास्ता पुलिस के पास इस मामले के खुलासे के लिए नहीं है । इस मामले में थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस अपने प्रयास कर रही है लेकिन कई बिंदु ऐसे हैं जो इस मामले को संदेहास्पद बना रहे हैं।

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