कृष्णांजलि में जनपद स्तरीय मिलेट्स महोत्सव, मेला एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

भास्कर समाचार सेवा

अलीगढ़। आज स्वास्थ्य सभी के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, क्योंकि हम पैसा तो बहुत कमा रहे हैं, परन्तु अपने शारीरिक धन को खोते जा रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण और अनियमित जीवन शैली इसका एक पहलू है, लेकिन इन सब से अलग भोजन वह कारक है, जो तमाम परेशानियों के बावजूद भी हमारे शरीर को मजबूत बनाए रखता है। आज हम भोजन से भी वह पोषक तत्व नहीं ले पा रहे हैं, जिनकी शरीर को जरूरत है। इसी वजह से हमारा शरीर दिन व दिन कमजोर होता चला जा रहा है। इसकी बड़ी वजह है कि हमारे घरों से पारंपरिक आनाज गायब होता जा रहा है। सरकार द्वारा वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर के रूप में मनाया जा रहा है। जिस अनाज को आदिवासी खाकर अपनी इम्यूनिटी मजबूत बनाये रखते हैं, वह मिलेट्स (मोटा आनाज) जैसे- मक्का, सावां, मंडुआ, कोदो, रागी, बाजरा, कंगडी आदि हैं। इनमें से कोदो को भारत में आदि बीज के नाम से भी जाना जाता है। इन मोटे आनाजों को गेहूं या चावल की तरह ही उपयोग किया जा सकता है। इनकी रोटी भी बनती है, इन्हें उबालकर भी खा सकते है। कोदो का उपयोग करने से हमारे शरीर की हड्डियां मजबूत होती है। कुटकी प्रजनन, एनीमिया और हार्मोनल परेशानियों को दूर करने एवं सही ग्रोथ में मदद करता है। सावां के उपयोग से आंतरिक अंग जैसे लीवर, किडनी आदि को मजबूती प्रदान होती है।

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