
भास्कर समाचार सेवा
अलीगढ़। प्रधानमंत्री के 2025 तक टी0बी0 मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से जनपद में 24 फरवरी से 5 मार्च तक चलने वाला घर घर टीबी रोगी खोजो अभियान एक्टिव केस फाइंडिंग शुरू हो चुका है। जिसके अन्तर्गत जनपद में 8 लाख 40 हजार लोगों के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम जाएंगी। टीम द्वारा टीबी के लक्षणों जैसे-दो सप्ताह या अधिक की खांसी, खांसी में बलगम अथवा खून आना, तेजी से वजन कम होना, भूख न लगना अथवा किसी क्षय रोगी के संपर्क में आना समेत अन्य बिन्दुओं पर संभावित मरीजों का चिन्हांकन किया जाएगा। जांच के दौरान लक्षण पाए जाने पर बलगम जांच होगी, जिसके लिए बलगम स्पॉट पर एकत्रित करते हुए नजदीक के बलगम जांच केंद्र पर भेजी जाएगी जांच के उपरांत टीबी निकलने पर घर से ही इलाज शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक रोगी के संपर्क वाले व्यक्तियों की जांच के साथ ही परिवार में 5 साल से छोटे बच्चों पर विशेष तौर से ध्यान देते हुए प्रत्येक सम्पर्क वाले 5 साल से छोटे बच्चों को टीपीटी दी जाएगी जिससे भविष्य में उन्हें टीवी न हो।
उक्त जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नीरज त्यागी ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान देते हुए बताया कि वर्ष 2022 में जनपद टीबी नोटिफिकेशन के 15,000 के सापेक्ष 15,832 प्राप्त करते हुए राज्य स्तर पर दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2023 में टीबी मरीजों की एचआईवी टेस्टिंग में दूसरे एवं डाइबिटीज जांच में तृतीय स्थान पर है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6,293 मरीज टीवी का इलाज प्राप्त कर रहे हैं। राष्ट्रपति द्वारा पूरे देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत की शुरूआत वर्चुअली की गयी। अभियान के तहत ऐसे क्षय रोगी जो पोषण के अभाव में ठीक नहीं हो पाते है उन्हें जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों, व्यापारियों, समाज सेवियों एवं सक्षम व्यक्तियों को गोद दिये जाने को प्रावधान किया, इसके साथ ही अतिरिक्त प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान” के तहत वर्तमान में 1696 निक्षय मित्रों द्वारा 4354 मरीजों को पोषण वितरण किया जा रहा है। प्रत्येक चिन्हित मरीज को 500 रूपये प्रतिमाह के साथ ही उन्हें पोषण किट भी उपलब्ध कराई जा रही है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 अनुपम भास्कर ने बताया कि 05 मार्च तक 10 दिन चलने वाले ’एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में जनपद की कुल आबादी 44,11,144 के 20 प्रतिशत 08,40,000 को कवर किया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिये 03 सदस्यों वाली 430 टीम का गठन किया गया है। टीमों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 05 लाख 60 हजार एवं शहरी क्षेत्र में 02 लाख 80 हजार समेत कुल 08 लाख 40 हजार लोगों के घर-घर चिन्हांकन किया जाएगा। अभियान की सतत मॉनिटरिंग के लिये प्रत्येक 05 टीमों पर 01 सुपरवाइजर समेत कुल 86 सुपरवाइजर लगाये गये हैं। तीन सदस्यीय टीम द्वारा प्रतिदिन 50 घरों का चिन्हांकन किया जाएगा। उन्होंने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि अभियान के अन्तर्गत आने वाली स्वास्थ्य टीम के साथ पूर्ण सहयोग करते हुए अपना व अपने परिवार के सदस्यों चिकित्सकीय विवरण पूरी पारदर्शिता से उपलब्ध कराएं ताकि आपको शासकीय सहायता एवं समुचित इलाज प्राप्त हो सके।














