पांच मार्च तक चलेगा क्षय रोगी खोज अभियान का दूसरा चरण

-घर-घर खोजे जाएगे रोगी, डीटीओ ने हरी झंडी दिखाकर किया टीम को रवाना

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार से जनपद में सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया। पांच मार्च तक चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीज खोजेगी। जिला अस्पताल में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने टीम को हरी दिखाकर रवाना किया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. गुलशन राय ने बताया, अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर टीबी के साथ डायबिटीज, एचआईवी के मरीजों की भी तलाश करेंगे। एसीएफ अभियान के तहत जनपद की 20 प्रतिशत आबादी (शहरी व ग्रामीण बस्ती तथा उच्च जोखिम क्षेत्र) में घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने बताया, एसीएफ के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि किस तरह उन्हें घरों में जाकर लोगों से बात-चीत करनी है और टीबी के बारे में बताना और जागरूक करना है। उन्हें बताया गया कि किसी भी घर में टीबी से मिलते जुलते लक्षण वाला यदि कोई पुरुष या महिला अथवा बच्चा मिलता है तो उसकी जांच की जाए। उन्होंने बताया-एसीएफ में मिलने वाले मरीजों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। टीबी मरीजों की जल्दी पहचान होने से जल्दी उपचार शुरू हो जाता है। उपचार शुरू होने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका कम हो जाती है। आमतौर पर एक टीबी मरीज उपचार न होने की स्थिति में साल भर में 10.15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि टीबी के साधारण लक्षण नजर आते ही तुरंत जांच करायी जाए।

247 टीमों को लगाया
वरिष्ठ टीबी पर्यवेक्षक अजय सक्सेना ने बताया, पांच मार्च तक चलने वाले अभियान के तहत जिले की 41 लाख की जनसंख्या का बीस प्रतिशत यानी 8.1 लाख घरों का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए 247 टीम को लगाया गया है। इसके लिए 44 सुपरवाइजर बनाए गए हैं।

15 दिन तक खांसी, जरूर कराए जांच
जिला समन्वयक नेहा सक्सेना ने बताया, 15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच जरूर कराएं। इसके अलावा भूख न लगना, वजन कम होना, थकान रहना, बलगम के साथ खून आना, सीने में दर्द और रात में सोते समय पसीना आना भी टीबी के लक्षण हो सकते हैं।

पहले चरण में खोजा गया एक मरीज
एसीएफ अभियान का पहला चरण 20 फरवरी से शुरू हुआ। 23 फरवरी तक, मदरसों, अनाथालय वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्य़ालय, कारागार, चिन्हित समूह.स्थल सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट ईंट भट्टों पर टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी। स्क्रीनिंग में 94 मरीजों में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण नजर आये, इनमें से 66 मरीजों की बलगम की जांच की गयी। एक मरीज में टीबी की पुष्टि हुई।

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