
–घटना के समय 17 मजदूर एक साथ बैठकर खा रहे थे खाना, सभी को बाहर निकाला
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। कोल्ड स्टोर में काम करने के लिए 27 मजदूरों को जम्मू कश्मीर से लाया गया था। शुक्रवार को काम करने का मजदूरों का पहला दिन था। दोपहर के समय 17 मजदूर एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे, तभी अचानक हादसा हुआ और सभी के सभी मलबे के नीचे दब गए।
कोल्ड स्टोर में आलू की छटाई व ढलाई का काम होता है। इन मजदूरों को ठेकेदार लेकर आया था। हादसे के समय 11 मजदूर बाहर घूम रहे थे। उनमें वह ठेकेदार भी शामिल था, जो इन मजदूरों को लेकर आया था। एक मजदूर ने बताया, दीवार के नीचे बैठकर 17 मजदूर दोपहर के समय खाना खा रहे थे, तभी अचानक कम्प्रेशर अधिक दबाव बढ़ने पर फट गया। धमाका इतनी तेज था कि दीवार भरभराकर नीचे गिर गई। दीवार के गिरते ही छत पर नीचे आ गिरी और खाना खा रहे मजदूरों को भागने तक का मौका नहीं मिला, सभी एक साथ नहीं मलबे के नीचे दब गए। हादसा होते ही चीख पुकार मच गई। रेस्क्यू चलाया गया। रात्रि साढ़े आठ बजे तक सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया था। समाचार लिखे जाने तक सात मजदूरों के मरने की पुष्टि हो चुकी थी। चार की हालत गंभीर बतायी जा रही है। एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू के दौरान फैक्ट्री से सबको बाहर निकाल दिया। भारी फोर्स मौके पर तैनात है और रेस्क्यू जारी है।
घटना के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान के अलावा पूर्व विधायक संगीत सोम, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्षा सीमा प्रधान, अजय भराला, सहकारी बैंक डायरेक्टर मनिंदर पॉल, जिला पंचायत सदस्य प्रताप लोहिया, रालोद के जिला प्रभारी संजय पनवाड़ी, भाकियू कार्यकर्ता मनिंदर विहान आदि पहुंच गए।
वर्जन
17 मजदूर मलबे में दबे थे। सभी का रेस्क्यू कर लिया गया है। हादसे में सात की मौत हुई है। बाकी मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनका बेहतर तरीके से इलाज किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर सूचना भिजवा दी गई है। पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले, इसके लिए प्रशासन प्रयास करेगा। अमोनिया गैस का रिसाव बंद करवा दिया गया है। फैक्ट्री के पास स्कूलों की दो दिन तक छुट्टी रहेगी।
दीपक मीणा, जिलाधिकारी मेरठ














