टीबी ठीक होने तक दवा का नियमित सेवन करें: राजेंद्र अग्रवाल

मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग विभाग में 10 क्षय रोगियों को दिया गया पोषाहार

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ
। मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग विभाग में 10 क्षय रोगियों को पोषाहार प्रदान किया गया। इस मौके पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा, समय से दवा का सेवन करते रहें। नियमित रूप से दवा खाने और साथ में पोषाहार का सेवन करने से टीबी की बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

सीनियर मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) डॉ. जेपी शर्मा ने क्षय रोगियों और उनके साथ आए परिजनों को बताया, क्षय रोग मुख्यतः फेफड़ों में होता है, हालांकि यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। फेफड़ों की टीबी एक संक्रामक रोग है, यानी रोगी के संपर्क में आने पर दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। डॉ. जेपी शर्मा ने बताया, फेफड़ों की टीबी रोगी के खांसने व छींकने, रोगी के खुले स्थान पर थूकने, रोगी के रुमाल, चादर व तौलिए का प्रयोग करने से फैलता है। रोगी और उनके परिजन किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है बस समय पर उपचार शुरू अति आवश्यक है। नियमित रूप से दवा खाने से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी रहे तो टीबी हो सकती है। ऐसे में बिना किसी संकोच के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच कराएं। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उसका नियमित उपचार कराएं। सरकार की ओर से हर स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी के उपचार की व्यवस्था की गई है।

टीबी का उपचार बीच में कदापि न छोड़ें
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. गुलशन राय ने बताया, किसी व्यक्ति को खासतौर से शाम के समय बुखार होना, दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक लगातार खांसी रहना, बलगम आना, सीने में दर्द का रहना, खांसी में खून का आना, लगातार वजन का घटना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। टीबी का उपचार बीच में कदापि न छोड़ें।

ये रहें मौजूद
इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के हेड डा. संजीव मित्तल, नेहा सक्सेना, अंजू गुप्ता, रेनू तोमर, अमीर्तुरहीम, राजू, गुरूदेव और अजय सक्सेना आदि मौजूद रहें।

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