मुरादाबाद के सुयोजित विकास को लेकर काम कर रहा मुरादाबाद विकास प्राधिकरण


भास्कर समाचार सेवा
मुरादाबाद।
इन दिनों अवैध क्लोनाईजर पर भले ही अंकुश लगाने का दावा कर रहा हो, लेकिन अवैध कॉलोनियो का मकड़जाल इस तरह फैला है कि प्राधिकरण की आवासीय योजना के सेक्टर के सेक्टर खाली पड़े हैं, और अवैध कॉलोनाइजर लगातार चांदी काट रहे हैं । जिस तरफ भी जाओ उस तरफ अनाधिकृत प्लाटिंग का काम लगातार तेजी से चल रहा है, अगर हम बात दिल्ली रोड पाकबड़ा की आवादी के आसपास की बात करें तो मुरादाबाद दिल्ली नेशनल हाईवे पर 890 हेक्टेयर में ग्राम पंचायत मनोहरपुर, मंगूपुरा, पाकबड़ा, चौधरपुर, मल कद्दा की जमीनों को 80 से 90 के दशक में एक्वायर किया गया था, जमीनों को एक्वायर करने के बाद नया मुरादाबाद के नाम से दिल्ली रोड पर आवासीय योजना को विकसित किया गया था, 1990 से लेकर सन 2000 के दशक तक आते आते दिल्ली रोड पर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा एक ऐसी आवासीय कॉलोनी को विकसित किया गया, जो अपने आप में अनूठी आवासीय कॉलोनी कहीं जा रही थी । इस आवासीय कॉलोनी में चौड़े रोड, गोल चक्कर, सीवर ,विद्युत उपग्रह केंद्र, बड़े-बड़े नाले , वाटर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करने के साथ-साथ प्राधिकरण द्वारा एक आधुनिक आधुनिक पार्क भी स्थापित किया गया था , प्राधिकरण कार्यालय और मुरादाबाद हस्तशिल्प कारोबार को परवान चढ़ाने के लिए एक ऐसी विल्ड़िंग जिसका नाम सोर्सिंग हब रखा गया की स्थापना की गई थी, जो मुरादाबाद के कारोबार को और बुलंदियों पर पहुंचाने का काम कर सकती थी । इतना सब कुछ हो जाने के बाद प्राधिकरण की आवासीय योजना नया मुरादाबाद योजना सन 2003 से लेकर 2023 तक मुकम्मल तरीके से नहीं बस पाई है । कारण जो भी रहा हो ,लेकिन एक बात तो सच है की अवैध कॉलोनाइजर का जाल पाक बड़ा के आसपास ऐसा फैला है कि हर तरफ कॉलोनाइजर प्लॉट काट रहे हैं, और भोली भाली जनता को ठगने का काम उनके द्वारा किया जा रहा है । कॉलोनाइजर अपनी कॉलोनी में तमाम दावे कर रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही होती नज़र आ रही है । कॉलोनाइजर द्वारा अपनी कॉलोनी को बेचकर फिर दूसरी जगह कॉलोनी काट दी जाती है, और वह कॉलोनी बेचकर तीसरी जगह कॉलोनी बेच दी जाती है । जब उस कॉलोनी में भवन बनाने के लिए प्लॉट स्वामी तैयारी करता है, तो एमडीए की टीम उसको नोटिस देने चली जाती है । आखिर ऐसा कारण क्या है कि कॉलोनी कट रही है, लेकिन कॉलोनी पर कार्रवाई नहीं हो रही । मुरादाबाद पार्क बड़ा डींगरपुर रोड पर लगभग 1 दर्जन से अधिक कॉलोनियों बस चुकी हैं, तो वही कैल्सा रोड समाथल रोड और अब मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की नाक के नीचे अवैध कॉलोनी का मकड़जाल खुलेआम चल रहा है । सेक्टर 5 सतपाल सिंह सैनी सांसद जी के स्कूल के पीछे से लेकर पाठ वाली मिलक होते हुए कैलसा रोड तक अवैध कॉलोनाइजर का जाल लगातार अपना काम कर रहा है । और प्राधिकरण के जिम्मेदार कारिंदे मौन धारण करके अपने उच्च अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं । खेल शुरू होता है पहले फोर्थ क्लास का बंदा कॉलोनाइजर के पास जाता है, चाय पीता है, शुल्क लेता है, और चला जाता है । फिर वह अपने उच्च अधिकारी को बताता है । कहानी फिर जहां से शुरू होती है फिर वही खत्म हो जाती है, मतलब कुनबा डूबा क्यों, पानी ज्यो का त्यू । वाली कहावत एमडीए के इन कारिंदों पर फिट बैठती है । आला अधिकारियों को दिखाने के लिए ऐसी जगह कार्रवाई की जाती है जहां पर उनके अधिकारी खुश हो जाएं ,पाकबड़ा,थाना क्षेत्र में डींगरपुर रोड,समाथल रोड तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज के सामने, कैल्सा रोड ,ओर अब सेक्टर पाँच के पीछे की आवादी से लेकर पाकबड़ा के मोहल्ला भूड़ होते हुए कैल्सा रोड,सिविल लाइन क्षेत्र के लोधीपुर, काजीपुरा, जवाहर नंगर, मझोला क्षेत्र की एकता कालोनी ,शाहपुर तिगरी ,मैनाठेर, पंडित नगला ,लांकडी वाईपास ,आरटीओ मदरसे के पीछे से लेकर गागन नदी की भी कई हेक्टेयर भूमि को भी अबैध कॉलोनाइजर अपना निशाना बना चुके हैं । अगर हम बात सिस्टम की करें तो सिस्टम लगातार अपना काम कर रहा है लेकिन कॉलोनाइजर भी तेजी से अपना काम करते दिखाई दे रहे हैं । तू डाल डाल मैं पात पात वाली कहानी प्राधिकरण के लिए सच होती दिखाई दे रही है । उपाध्यक्ष शैलेश कुमार लगातार अपने कारिंदों पर भी कार्रवाई कर रहे हैं ,लेकिन कारिंदे इतने ढीड हो चुके हैं कि उन पर असर ही नहीं हो रहा । अबे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि इन अबैध कॉलोनियों को सफेदपोशो का संरक्षण है, लेकिन उनको यह नहीं भूलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा जी किसी को नहीं बख्शते, अगर पता चल जाए तो फिर जिम्मेदार की खैर नहीं । , प्राधिकरण के क्षेत्रीय जेई कब संजीदा होंगे यह कोई नहीं जानता लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो फिर मुरादाबाद का सुनियोजित विकास कैसे हो पाएगा यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है ।

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