मनमोहन सिंह की टेबल पर धूल फांकती रही फाइलें, पीएम बनते ही नमो ने खोली : आर के सिन्हा

शेखपुरा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत जैसे विशाल देश की प्रगति और विकास का कारवां आगे बढ़ा है तो उसे बिहार की धरती पर जन जन तक पहुंचाने की मुहिम भी तेज हो गई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा ने विगत दो अक्टूबर से बिहार के बेतिया से पदयात्रा की शुरुआत की तो लोग जुड़ते गए और अब इस पदयात्रा ने जनांदोलन का स्वरूप ले लिया है।
बेतिया से होते हुए राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की पदयात्रा कई जिलों से गुजरने के बाद रविवार को शेखपुरा पहुंची। यहां सांसद श्री सिन्हा का कई जगह गर्मजोशी से स्वागत किये गए। ‘

स्वागत को लेकर उमड़ रही भीड़ की स्थिति ऐसी रही कि कई बार उनकी सुरक्षा में लगे पुलिस के जवानों को भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। शेखपुरा जिले में रविवार देर शाम को आयोजित सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरा किये जा रहे बापू के सपनों के संदेश जन जन तक पहुंचाने के साथ राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा जब स्थानीय परिसदन पहुंचे तो पत्रकारों का समूह भी उनसे मिलने पहुंचा और यह सिलसिला सोमवार की सुबह तक जारी रहा।

परिसदन में प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधियों से सांसद   सिन्हा ने बातचीत करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के सपनों को उनके तथाकथित अनुयायियों ने तहश तहश कर दिया।उनके एक भी सिद्धांतों को माना तो नहीं ही बल्कि और उसके उल्टे कार्यों को अंजाम देकर बापू के सपनों पर कुठाराघात किया। देशी गायों के महत्व और उसे पालने व संरक्षित करने को लेकर 1935 में गांधी जी इंदौर गए थे और फिर देशी गाय को गौ माता मानकर उसे पालने की बात कही थी। गांधी जी ने गौ माता का महत्व भी बताया था। बावजूद इसके देशी गायों को गौ माता के रूप में पालने की दिशा में कार्य आगे नही बढ़े और नतीजा हुआ कि देश मे नीलगाय और सुअर के क्रॉस के बाद विकसित हुई गायों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई और देशी गायों की संख्या घटती गई।

राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि ऐसी गैर देशी गायों के दूध में बिटामॉर्फिन की मात्रा पाई गई है और एक तरह से यह दूध स्वास्थ्य के लिए जहर के समान है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही गायों के दूध का पाउडर दूध की खपत को पूरा कर रहा है और सीधा लोगो के शरीर मे बिटामॉर्फिन पहुंच रहा है। उन्होंने सवाल किया कि भारत मे प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर दूध का जब उत्पादन ही होता है तो फिर प्रतिदिन 54 करोड़ लीटर दूध की बिक्री कैसे होती है। सरकारी आंकड़ों के साथ—साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यू एच ओ) के आंकड़े भी यही कहते हैं। पहली बार वर्ष 1958 में जर्मन की एक रिपोर्ट ने ऐसी गायों के दूध को स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया था तब जवाहर लाल नेहरू ने देश में दूध की कमी की बात कहकर इस रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया था और कहा था कि देश मे दूध की कमी को पूरा करने के किये इसे अभी चलने देने में ही भलाई है। फिर वर्ष 2007 में न्यूजीलैंड की अंग्रेजी की रिपोर्ट आ गई। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया था कि बिटामॉर्फिन युक्त दूध के सेवन से डायबिटीज,ब्लड प्रेसर, हार्ट से जुड़ी सभी प्रकार की बीमारियां,मानसिक रोग से जुड़ी सभी प्रकार की बीमारियां और गर्भस्थ शिशुओं में विकलांगता जैसी खतरनाक बीमारियां होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर बिटामॉर्फिन युक्त दूध का सेवन बंद नहीं किया गया तो 2025 तक भारत की 87 प्रतिशत आबादी कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रसित हो जाएगी। अंग्रेजी की आई इस रिपोर्ट को तब उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष प्रस्तुत किया गया किन्तु वह फाइल वर्ष 2014 तक मनमोहन सिंह की टेबल पर धूल फांकती रही और कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इस फाइल को खोला और करनाल में नेशनल ब्युरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज की स्थापना की।

राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि चार पीढ़ियां गुजर गई किन्तु बापू के सपनों को पूरा करने की कभी न कोशिशें हुई और न ही कभी इसके लिए प्रयास ही किये गए। गांधी जी की बुनियादी शिक्षा को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास केंद्रों की स्थापना करके जहां पूरा किया है वही स्वच्छता के सपने को भी उन्होंने पूरा किया है और घर घर शौचालय बना कर बीमारियों पर अंकुश लगाए गए हैं।

बापू के सभी सपनों को पूरा करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है और देश आज प्रगति की नई उंच्चाइयों को छूने की तरफ आगे बढ़ रहा है। राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि जनता को जानने का अधिकार है कि कल की सरकारों ने गांधी के सपनों को कैसे दफन किया और आज नरेंद्र मोदी कैसे उन सपनों को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बापू का रामराज और मोदी का सु राज के आगाज के साथ बिहार की धरती पर चल रही मेरी पदयात्रा नरेंद्र मोदी के कार्यों को ले जनता तक पहुंचाने और बापू के साकार हो रहे सपने का संदेश देने में मील का पत्थर साबित होगी।

राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि गांधी को गांधी बिहार ने बनाया। एम के गांधी और फिर मोहन दास करम चंद गांधी के नाम से जाने जाने वाले गांधी जी 10 अप्रैल 1917 को पहली बार पटना पहुंचे और फिर 22 अप्रैल 1917 को बेतिया से होते हुए तिनकठिया नील की प्रथा के खिलाफ आंदोलन शुरू किया और यही से मोहन दास करमचंद गांधी गांधी बने,महात्मा बने,बापू बने और फिर राष्ट्रपिता बने। सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि पूर्व की सरकारों और गांधी जी के तथाकथित अनुयायियों ने कैसे बापू के सपनो को तहश नहश किया और कैसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बापू के सपनो को पूरा कर रहे हैं,यही तो लोगो को बताने गांव गांव निकला हूं और इसीलिए इस पदयात्रा का नाम बापू का रामराज,मोदी का सु राज रखा गया है।

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