झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड : दो बड़ी लापरवाही आई सामने, अभी और खुल सकते है गहरे राज़



-शाम 5 बजे भी हुआ था शॉर्ट सर्किट, अग्निशमन यंत्र की बीत गई थी  समयावधि

झांसी । झांसी के  मेडिकल कॉलेज स्थित एसएनसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में शुक्रवार रात लगी भीषण आग में  10 नवजात शिशुओं की मौत वाली  घटना में बड़ा खुलासा हुआ है। उस दिन शाम 5  बजे  ही एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ था। तीमारदारों के मुताबिक, उन्होंने इस समस्या की जानकारी ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों को दी थी लेकिन किसी ने भी इसे  गंभीरता से नहीं लिया। न ही इसे ठीक कराया गया। यदि उस शार्ट सर्किट का समय  रहते उपचार हो जाता तो मासूमों की मौत शायद नहीं हाेती। इससे भी बड़ा कारण अग्निशमन यंत्रों की बीती समयावधि रही।


ललितपुर  के कृपाल सिंह ने बताया कि उनका नाती एसएनसीयू में भर्ती था। शाम को हुई घटना की  सूचना स्टाफ को दी गई। नर्सिंग स्टाफ व कर्मचारियों ने इसकी जानकारी बड़े  अधिकारियों को भी दी थी लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया और न ही उस गड़बड़ी को ठीक कराया गया। रात करीब 10  बजे  दोबारा शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई। घटना के समय 54 बच्चे एसएनसीयू में भर्ती  थे। इनमें से 10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य झुलस गए। यह तो केवल एक कृपाल का कहना था। ऐसे और भी कई  तीमारदार थे जो इन शार्ट सर्किट की दोनों घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी रहे।



राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग का नोटिस 

  राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने घटना को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन मानते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है। आयोग ने सात दिनों में घटना की पूरी रिपोर्ट और  लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी देने को  निदेर्शित किया है। मंडलायुक्त ने शुरू की जांच मंडलायुक्त  बिमल कुमार दुबे ने घटना की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्टाफ से पूछा कि आग  लगने के समय वे कहां थे और आग बुझाने के लिए क्या प्रयास किए गए। अन्य पहलुओं पर भी वह जांच कर रहे हैं।



हेल्पलाइन  नंबर जारी

घटना  के बाद प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 6389831357  जारी  किया है, जिससे परिजन नवजातों के  बारे में जानकारी ले सकते हैं।

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