देश भर में नागरिकात संशोधन कानून का विरोध जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को वापस ले। लेकिन मोदी सरकार अड़ी हुई है। न तो वह इस कानून को वापस ले रही है और न इसमें कोई बदलाव करने को तैयार है। आलम यह है कि अब बीजेपी के अंदर भी सीएए के खिलाफ आवाज उठने लगी है। इसका ताजा उदाहरण हैं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीके बोस। सीके बोस ने सीएए को लेकर अपनी पार्टी को आईना दिखाया है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे विरोध पर बीजेपी नेता सीके बोस ने कहा, “मैंने अपने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि अगर हम थोड़ा सा संशोधन करते हैं तो यह आंदोलन खत्म जाएगा। हमें खास तौर से यह बताने की जरूरत है कि यह उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है। हमें किसी धर्म का जिक्र नहीं करना चाहिए। हमारा दृष्टिकोण अलग होना चाहिए।”
CK Bose,BJP on CAA: I've suggested to my party leadership that with a little modification the entire opposition campaign will fizzle out. We need to specifically state that it is meant for persecuted minorities, we should not mention any religion. Our approach should be different https://t.co/sbSMOKgM8L
— ANI (@ANI) January 20, 2020
सीके बोस ने आगे कहा कि बिल जब कानून बन जाता है तो यह राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी होता है। यह कानूनी स्थिति है, लेकिन एक लोकतांत्रिक देश में आप देश के नागरिकों पर कोई भी कानून थोप नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हम सही हैं और वे गलत हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि आप किसी को गाली नहीं दे सकते हैं। आज हमारे पास संख्या है, सिर्फ इसलिए हम डर की राजनीति नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आइए हम सीएए के फायदे के बारे में लोगों को बताते हैं।”