
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है होली का पर्व । इस बार ये तिथि 09 मार्च यानी कि सोमवार सुबह 3.03 से शुरू हो रही है । इस दिन होलिका दहन का उत्सव मनाया जाएगा। पूर्णिमा के दिन सूर्य अस्त होने के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है । होलिका की अग्नि को बहुत ही पवित्र माना गया है । यह पर्व भी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है । भक्ति में शक्ति का प्रतीक है । होली को लेकर क्या मान्यताएं हैं आगे पढि़ए ।
होली की कहानी
होली की एक कहानी जो हम सभी ने पढ़ी है वो भकत प्रहलाद की है । कहानी कुछ इस प्रकार है, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था। इस असुर के बल और शक्ति के घमंड को चकनाचूर करने के लिए भकत प्रहलाद का घर इस असुर के घर जन्म हुआ । हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में यह घोषणा करवाई थी कि जो कोई भगवान विष्णु की पूजा करेगा उसे मृत्यु दंड दिया जाएगा । लेकिन उसका खुद का पुत्र भगवान विष्णु का परम भक्त निकला ।
बहन होलिका को दिया आदेश
पुत्र की भक्ति देखकर हिरण्यकश्यप ने उसे मारने की भरसक कोशिश की । इसी क्रम में उसने अपनी बहन होलिका को भी बेटे को लेकर आग में बैठने का आदेश दिया । होलिका को वरदान प्राप्त था कि वो अग्नि में नहीं जलेगी, लेकिन प्रह्लाद को गोद में लेकर जब होलिका अग्नि की चिता पर बैठी तो प्रभु कृपा से वो भस्म हो गई । इसी घटनाक्रम को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है ।
500 साल बाद बन रहा है गजकेसरी योग:
गजकेसरी योग में ग्रह-नक्षत्र एक ख़ास दशा में होते हैं जिसका विभिन्न राशियों के जातकों पर अलग अलग प्रभाव पड़ता है. गज का शाब्दिक अर्थ है हाथी और केसरी का अर्थ है शेर. ज्योतिष शास्त्र में, हाथी और शेर को राजसी सुख से जोड़कर देखा गया है. भगवान शिव के पुत्र श्री गणेश को गज का ही रूप माना जाता है. गजकेसरी योग में गुरु बृहस्पति और शनि अपनी ही स्वराशियों में रहेंगे. जिससे जातकों के जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य में बढ़त होगी. ब्रहस्पति धनु राशि में और शनि मकर राशि में रहेंगे. बता दें कि इससे पहले 3 मार्च 1521 में यह ख़ास संयोग बना था
होली का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कुद इस तरह होगा ।
होलिका दहन – 09 मार्च, सोमवार को किया जाएगा
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त – शाम 6 बजकर 26 मिनट से लेकर 8 बजकर 52 मिनट तक होगा
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 9 मार्च को सुबह 3 बजकर 3 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 9 मार्च को रात 11 बजकर 17 मिनट पर होगी
भद्रा पूंछ – सुबह 09:37 बजे से 10:38 बजे तक
भद्रा मुख – सुबह 10:38 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक













