कांग्रेस विधायकों ने बदला पाला, 6 मंत्रियों को निकालने के लिए कमलनाथ की गवर्नर को चिट्ठी

भोपाल. मध्यप्रदेश में राजनैतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज छह मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की।

कमलनाथ ने मंत्री श्रीमती इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युुम्न सिंह तोमर और डॉ प्रभुराम चौधरी को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश करते हुए पत्र राज्यपाल को लिखा है। ये मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और अभी बंगलूर में उन 19 विधायकों के साथ हैं, जिन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र दिया है।

इसके अलावा एक और पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने विधायक पद से त्यागपत्र दिया है। हालाकि वे सिंधिया नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जुड़े रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से निष्कासित

कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते मध्य प्रदेश के नेता और पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दें। विज्ञप्ति के अनुसार कांग्रेसी अध्यक्ष पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उनके निष्कासन को अपनी मंजूरी दे दी है और उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से बाहर कर दिया गया। वही लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, वो उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि सिंधिया के इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया.

अधीर रंजन ने ये भी कहा कि सिंधिया कांग्रेस में राजा की तरह थे, लेकिन बीजेपी में जाकर वो प्रजा हो जाएंगे.

9 मार्च के अपने पत्र में सिंधिया ने कहा, “जबकि मेरा उद्देश्य एक ही है और वह हमेशा से ही राज्य और देश के लोगों की सेवा करने का रहा है, मुझे लगता है कि पार्टी में रहते यह उद्देश्य पाने में मैं असमर्थ हू।”

इससे पहले 18 साल तक पार्टी में रहने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दिया था अपने अस्तित्व में उन्होंने कहा था कि यह समय जीवन में कुछ और तलाशने के लिए है। इससे पहले सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। सारा घटनाक्रम राज्यसभा की 2 सीटों के लिए है जिसे कांग्रेस राज्य से खाली हो रही 3 सीटों में से जीत सकती है। माना जा रहा है कि सिंधिया का 17 में से 17 या 20 विधायकों का समर्थन है।

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