भोपाल । मध्यप्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बीच बाजी पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आ चुकी है, यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा सीएम हाउस पर बुलाई विधायक दल की बैठक में मंगलवार रात तक केवल 88 विधायक ही शामिल हुए। इससे साफ है कि कांग्रेस प्रदेश में पूरी तरह अल्पमत में आ चुकी है।
उल्लेखनीय है कि अभी कांग्रेस के 19 बागी विधायक बेंगलुरु में ही रुके हुए हैं उन्होंने पहले ई मेल के जरिए अपने त्यागपत्र भेजे थे लेकिन उनके त्यागपत्रों की मूल प्रति भाजपा नेता और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह भोपाल लेकर आए और उन्होंने यह सभी त्यागपत्र एक प्रतिनिधि मंडल के साथ मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को सौंप दिए। इन सभी बागी विधायकों ने अपने त्यागपत्र आज राजभवन भी भेजे हैं। इसबीच, मध्यप्रदेश में अब तक कांग्रेस के 22 बागी विधायक अपने त्यागपत्र दे चुके हैं । कांग्रेस में जिस तरीके की विरोधी हवा इस समय चल रही है उसे देखते हुए कहना होगा कि इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 30 तक पहुंच सकती है। जब इस पूरे घटनाक्रम पर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ‘‘इस्तीफे दिए गए हैं, ऐसा आप सुन रहे हैं और मैंने भी सुना है, जो भी विधानसभा के नियमानुसार होगा तद्नुसार मैं इस पर कार्रवाई करुंगा’।
भाजपा नेता भूपेन्द्र सिंह के जरिए बेंगलुरु से अपने इस्तीफे भेजने वाले छह मंत्रियों में तुसली सिलावट (सांवेर) , गोविंद सिंह राजपूत (सुरखी), डॉ प्रभुराम चौधरी (सांची), इमरती देवी (डबरा), प्रद्युन्न सिंह तोमर (ग्वालियर) और महेन्द्र सिंह सिसोदिया (बमोरी) शामिल हैं. जबकि बेंगलुरु से त्यागपत्र भेजने वाले विधायकों में हरदीप सिंह डंग (सुवासरा), राज्यवर्घन सिंह (बदनावर), ब्रजेन्द्र सिंह यादव (मुंगावली), जसपाल जज्जी (अशोक नगर), सुरेश धाकड़ (पोहरी), जसवंत जाटव (करेरा), रक्षा संतराम सरोनिया (भांडेर), मुन्नालाल गोयल (ग्वालियर पूर्व), रणवीर जाटव (गोहद), ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), कमलेश जाटव (अम्बाह), गिरिराज दंडोतिया (दिमनी) और रघुराज कंसाना (मुरैना) शामिल हैं ।
इन सभी बेंगलुरु में मौजूद 19 विधायकों के अलावा कांग्रेस के बिसाहूलाल, एंदल सिंह कंसाना और मनोज चौधरी का इस्तीफा हुआ है।