
चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है । 25 मार्च से शुरू होकर ये पावन नौ दिन 2 अप्रैल को समाप्त होंगे । इन नौ दिनों में भक्त मां शक्ति की उपासना करते हैं । भक्तिभाव से मां की आराधना में डूबे रहते हैं । शास्त्रों में माता को प्रसन्न करने के र्इि उपाय बताए गए हैं । ऐसे ही कुछ उपाय हम आपको आगे बता रहे हैं, ज्योतिष में इनका बड़ा महत्व है । मान्यता है कि इन चीजों को देवी को अर्पित करने से वो प्रसन्न होती है और आशीर्वाद देती हैं ।
कमल का फूल लाएं
इस चैत्र नवरात्रि में मां भगवती का का आशीर्वाद पाने के लिए नौ दिनों में से किसी एक दिन घर पर कमल का फूल जरूर लाएं । माता लक्ष्मी को कमल का फूल बड़ा ही प्रिय होता है । यदि कमल का फूल न मिलें तो मां को लाल रंग का फूल भी अर्पण कर सकते हैं । ऐसा करने से देवी प्रसन्न होंगी और आपको सुख – समृद्धि का वरदान देंगी ।
घर लाएं सोने या चांदी का सिक्का
इस नवरात्रि के दिनों में सोने या चांदी का सिक्का जरूर लेकर आएं । ध्यान रखें कि उन सिक्कों पर माता लक्ष्मी या गणेश जी का चित्र जरूर बना हो। ये किसी भी सुनार की दुकान में आसानी से मिल जाते हैं ।
लाल कपड़े के साथ कौड़ी
अगला उपाय तंत्र शास्त्र में भी बड़ा ही फलदायी माना गया है । जीवन में धन की कमी हो, रोजगार से जुड़ी परेशानियां हों तो उन्हें दूर करने के लिए घर की तिजोरी में नवरात्रि के दिनों में लाल कपड़े के साथ कौड़ी रखना शुभ होता है। ऐसा करने से आपकी ये सारी समस्याएं धीरे – धीरे खत्म होने लगेंगी साथ ही घर में धन का आगमन होगा । अटका हुआ पैसा भी आने लगेगा । कर्ज कम होने लगेंगे ।
कमल आसना मां लक्ष्मी की तस्वीर
नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ अवतारों के साथ कमल के फूल पर बैठी हुईं माता लक्ष्मी की तस्वीर की पूजा करना बहुत शुभ होता है । इस प्रकार आराधना करने से मां दुर्गा के साथ लक्ष्मीजी की भी कृपा मिलेगी ।
गुड़हल का फूल
माता को लाल फूल, लाल रंग अति प्रिय हैं, ऐसे में आप माता से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल चढ़ाएं । नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक मां भगवती को रोजाना एक गुड़हल का फूल जरूर चढ़ाएं।
घट स्थापना का महत्व
नवरात्रि में कलश या घट स्थापना का विशेष महत्व है. कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है. नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है. घट स्थापना शक्ति की देवी का आह्वान है. मान्यता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी मां क्रोधित हो सकती हैं. रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित करने की मनाही है. घट स्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है. अगर किसी कारण वश आप उस समय कलश स्थापित न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी स्थापित कर सकते हैं. प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है.
घट स्थापना कब करें
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. इस बार पहली नवरात्रि 25 मार्च 2020 को है और इसी दिन घट स्थापना की जाएगी.
घट स्थापना की तिथि और शुभ मुहूर्त
घट स्थापना की तिथि: 25 मार्च 2020
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 24 मार्च 2020 को दोपहर 2 बजकर 57 मिनट से
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 25 मार्च 2020 को शाम 5 बजकर 26 मिनट तक
घट स्थापना मुहूर्त: 25 मार्च 2020 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक
कुल अवधि: 58 मिनट
कलश स्थापना की सामग्री
मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है इसलिए लाल रंग का ही आसन खरीदें. इसके अलावा कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी भी चाहिए.
कलश स्थापना कैसे करें?
– नवरात्रि के पहले दिन यानी कि प्रतिपदा को सुबह स्नान कर लें.
– मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद सबसे पहले गणेश जी का नाम लें और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योत जलाएं.
– कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं.
– अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं. लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें.
– अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं. फिर उसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें.
– इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं.
– अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें. फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें.
– अब इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें जिसमें आपने जौ बोएं हैं.
– कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प लिया जाता है.
– आप चाहें तो कलश स्थापना के साथ ही माता के नाम की अखंड ज्योति भी जला सकते हैं.













