
अक्षय तृतीया के अवसर पर हर साल चारों तरफ शादियों की धूम देखने को मिलती थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार न धमाल, न बारातों की रेलमपेल और न बैंड-बाजा और शहनाइयों की गूंज, सादगी से ड्राइंग रूम में शादी हो गई। ऐसा ही नजारा बैतूल जिला मुख्यालय पर रविवार को अक्षय तृतीया पर एक शादी में देखने को मिला। कोविड-19 ने लोगों को सादगी सिखा दी। यहां दूल्हा-दुल्हन ने मास्क पहन कर शादी रचाई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। पंडित ने भी मास्क पहन कर रीति रिवाज से शादी करवाई।
बैतूल के मोती वार्ड में रहने वाले प्रकाश चंद्र तातेड़ के बेटे अक्षय की शादी टिकारी निवासी महेंद्र वर्मा की बेटी कशिश से तय हुई थी और यह शादी 2 मई को होने वाली थी, लेकिन 3 मई तक लॉकडाउन लागू होने के कारण दोनों परिवारों ने सादगी पूर्ण तरीके से शादी करने का निर्णय लिया और शादी के लिए की गई सभी तैयारियों को कैंसिल कर अक्षय तृतीया पर घर में ही शादी की रस्में पूरी करवाईं। शादी में परिवार के ही सदस्य उपस्थित थे और वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे। खास बात यह रही किसी भी रिश्तेदार को नहीं बुलाया गया। दूल्हा और दुल्हन के साथ शादी कराने वाले पंडित ने मास्क पहन कर रखा था।
परिवार के सदस्यों का कहना था कि लॉक डाउन के पालन करने के लिए शादी के लिए जो नियम प्रशासन ने जारी किए थे उसके अनुसार ही शादी का कार्यक्रम संपन्न कराया गया। इस मौके पर दूल्हे अक्षय ने बताया कि दो मई को शादी होना तय हुआ था, लेकिन लॉकडाउन के चलते हम लोगों ने अक्षय तृतीया पर शादी कर ली। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया और घर के लोगों की उपस्थिति में शादी की गई।
दुल्हन की मां दीप्ति का कहना कि धूमधाम से शादी करने की तैयारी थी, लेकिन लॉक डाउन के कारण हम लोगों ने सादगी पूर्ण तरीके से नियमों का पालन करते हुए शादी की है। दुल्हन कशिश ने कहा कि हर लडक़ी का सपना होता है कि उसकी शादी धूमधाम से हो, लेकिन लॉकडाउन के चलते सादगी से ही शादी करनी पड़ी। इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है।











