
नई दिल्ली
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देश के उन 13 शहरों पर फोकस किया है, जहां केसेज सबसे ज्यादा हैं। इन 13 शहरों में देश के 70 प्रतिशत से ज्यादा कोविड-19 के पॉजिटिव केस मिले हैं। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन 13 जगहों के म्युनिसिपल कमिश्नर्स और डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट्स से बात की। मीटिंग में कोविड-19 केसेज से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए, उनका रिव्यू हुआ। लॉकडाउन एक्सटेंशन की संभावना के बीच इन 13 शहरों पर सरकार का फोकस दर्शाता है कि उसकी कोशिश कोरोना को कुछ इलाकों तक सीमित रखने की है।
इन 13 शहरों पर सरकार का फोकस
मुंबई
दिल्ली/नई दिल्ली
चेन्नई
कोलकाता/हावड़ा
अहमदाबाद
पुणे
हैदराबाद
ठाणे
इंदौर
जयपुर
जोधपुर
चेंगलपट्टु (तमिलनाडु)
थिरूवल्लूर (तमिलनाडु)
इन में कौन सी स्ट्रैटजी पर हो रहा काम
केंद्र सरकार ने शहरी इलाकों में कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर गाइडलाइंस पहले ही जारी कर दी हैं। यहां पर जो स्ट्रैटजी अपनाई जा रही है, उसमें हाई-रिस्क फैक्टर्स जैसे- कन्फर्मेशन रेट, फैटलिटी रेट, डबलिंग रेट, टेस्ट्स पर मिलियन वगैरह पर काम हो रहा है। केंद्र का जोर इस बात पर है कि कंटेनमेंट जोन को केसेज की मैपिंग और कॉन्टैक्ट्स तथा उनकी लोकेशन के हिसाब से डिफाइन किया जाए। इससे एक दायरा तय करने में मदद मिलेगी जहां लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराया जा सकेगा।
खुद कंटेमनेंट जोन तय करें म्युनिसिपल कॉर्पोरेशंस
केंद्र सरकार की ओर से जारी रिलीज में कहा गया है कि शहरों को कंटेनमेंट जोन निर्धारित करने की छूट दी गई है। इसके मुताबिक, ‘म्युनिसिपल कॉर्पोरेशंस यह तय कर सकते हैं कि रेजिडेंशियल कॉलोनीज, मोहल्ले, म्यूनिसिपल वार्ड्स या पुलिस थाना के इलाके, म्युनिसिपल जोन्स, कस्बों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाए या नहीं।’ शहरों को सलाह दी गई है कि वे लोकल लेवल पर इनपुट्स के आधार पर कंटेनमेंट जोन का दायरा तय करें।
अगले लॉकडाउन में इनपर रहेगी खास नजर
इन 13 शहरों पर लॉकडाउन के संभावित पांचवें चरण में कड़ी नजर रखी जाएगी। मॉनिटरिंग के लिए केंद्र सरकार की टीमें भी भेजी जा सकती हैं। चूंकि अधिकतर शहर अपने-अपने राज्यों के इंडस्ट्रियल सेंटर या मेन पॉइंट हैं, ऐसे में अब उन्हें पूरी तरह बंद रख पाना संभव नहीं होगा। इसीलिए सरकार सही तरीके से कंटेनमेंट जोन तय करने पर जोर दे रही है ताकि जो इलाके प्रभावित नहीं हैं, वहां हालात सामान्य किए जा सकें।
लॉकडाउन में क्या मिल सकती है छूट
अभी लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर आधिकारिक फैसला नहीं हुआ। मगर अधिकतर राज्य चाहते हैं कि लॉकडाउन आगे बढ़े। हां, वो कुछ रियायतों की उम्मीद जरूर कर रहे हैं ताकि आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाया जा सके। जहां कोरोना केसेज ज्यादा हैं, उन इलाकों में सख्ती बरकरार रहेगी। बाकी जगहों पर कई तरह की रियायत मिल सकती है। स्कूल-कॉलेज फिलहाल बंद रहने के ही आसार हैं। मेट्रो रेल सेवाएं शुरू की जा सकती हैं। इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर पाबंदी जारी रखी जा सकती है। धार्मिक स्थानों को खोला जाए या नहीं यह फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा जा सकता है। सलून खुल चुके हैं, अब जिम और शॉपिंग मॉल्स वगैरह खोलने का फैसला भी राज्य सरकारों के हाथ में दिया जा सकता है।















