
मैनपुरी- हमारे देश के रण बांकुरों ने आतंकवादियों की घुसपैठ का मुँहतोड़ जवाब देते हुए कारगिल की चोटी पर 26 जुलाई 1999 को विजय पताका फहरायी। भारत माता के वीर सपूतों ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए वतन में अशान्ति फैलाने वाले आतंकवादियों को बुरी तरह कुचलते हुए यह नसीहत दी कि हम एक ऐसी सिंहनी के शेर हैं जो आतताइयों को हर वक्त दण्ड देने में सक्षम हैं।
विद्यालय प्रांगण में सुशोभित 101 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज एवं अमर जवान शहीद स्मृति स्तम्भ के तले जश्न मनाया गया, जिसमें विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन तथा प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा0 कुसुम मोहन ने भारतीय सेना की वीरता का यशोगान किया तथा शहीद सैनिकों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाचार्य डा0 राम मोहन ने कहा कि आज का दिन ही हमारे लिए होली, दीपावली, ईद, लोहड़ी के रूप में सबसे महत्वपूर्ण एवं सबसे बड़ा पर्व है। हमारे देश के वीर अपने देश की सुरक्षा में हर दम लगे रहते हैं। कोई भी दुष्ट कितनी भी दुष्टता करे, लेकिन वह हमारे इन महान वीर सैनिकों के सामने टिक नहीं सकता। वास्तव में रणबांकुरे हम सब की रक्षा के लिए अपने प्राणों को हथेली पर रखकर चलते हैं और अपने पराक्रम से हमेशा विजयश्री ही हासिल करते हैं। दुष्टों को पनाह देने वाला चाहे कितना भी शातिर हो, हमारे योद्धाओं से बच नहीं सकता। जश्न के इस पावन अवसर पर विद्यालय के उपप्रधानाचार्य जयशंकर तिवारी एवं कैम्पस कोआॅर्डीनेटर अल्का दुबे भी उपस्थित रहे।









