
बिल्हौर। तहसील बिल्हौर क्षेत्र के आदर्श संस्कृत महाविद्यालय बछना में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एस.डी.एम.बिल्हौर पी.एन.सिंह को अजयकांत बाजपेयी एवं रजनीश कटियार द्वारा सौंपा गया। क्षेत्र के आधा दर्जन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जन्मस्थली और कर्मस्थली रहे ऐतिहासिक महाविद्यालय श्री आदर्श संस्कृत महाविद्यालय बछना कानपुर नगर में हुई अनियमितता पर क्षेत्र की जनता से लेकर जिले के अधिकारियों तक ने चुप्पी साध रखी है। भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का दावा ठोंकने वाले माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेशों के बावजूद उनके प्रशासन के खुद के अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे मौन बने हुए है। मामला क्षेत्र के ऐतिहासिक महाविद्यालय श्री आदर्श संस्कृत महाविद्यालय का है जहाँ के संबंध में समाजसेवी अजयकांत बाजपेयी ने बार-2 शिकायत की है कि एक पूर्व प्राचार्य द्वारा शिक्षण शुल्क व विकास शुल्क में गड़बड किया गया है। आपने बताया कि आज तक विद्यालय के समस्त मूल अभिलेख व वित्तीय अभिलेखों में गडबड है, इसके अतिरिक्त विद्यालय के ऐतिहासिक पुस्तकालय जिसमें कई पुराने ग्रन्थ भी शामिल थे, उनका भी आजतक पता नहीं चल सका। विद्यालय के अभिलेखों व चार्ज को अगले प्राचार्य रामकृष्ण त्रिपाठी को सौंपने को तत्क़ालीन शिक्षा निदेशक से लेकर जिलाविद्यालय निरीक्षक तक ने आदेश किया था लेकिन विद्यालय के पूर्व प्राचार्य द्वारा नहीं माना गया। महाविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत बिल्हौर के समाजसेवी अजय कान्त बाजपेयी द्वारा कई बार जिले के जिलाधिकारी से लेकर जिलाविद्यालय निरीक्षक तक से की जा चुकी है जिस पर कई जांचे भी चल रही हैं, परन्तु नतीजा अभी तक असंतोष जनक नहीं है। अभी बीते 30 जून को इस ऐतिहासिक महाविद्यालय में हुई गडबडी की जांच में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बरती जा रही ढिलाई को भांपते हुए समाजसेवी अजय कान्त बाजपेयी ने जिलाधिकारी ब्रम्हदेव तिवारी से उनके आवास पर जाकर इस विद्यालय में हुए भृष्टाचार पर ध्यान आकर्षण कराते हुए दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही करने का आग्रह किया था। जिस पर जिलाधिकारी ने बिल्हौर उपजिलाधिकारी से इस विद्यालय की जांच करवाने के लिए आदेशित किया है। अजयकांत बाजपेयी ने बताया के उनके द्वारा हमेशा ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ी जाती है और फिर यह तो ऐतिहासिक महाविद्यालय है जिस विद्यालय से न जाने कितने ही महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने विद्या अध्ययन भी किया है और इन सभी की कर्मस्थली भी रही है, इस विद्यालय में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष सदैव जारी रहेगा।








