
– खुलने लगी नगला गवे के प्रधान के घोटालों की पर्ते
किशनी/मैनपुरी- ग्रामसभा गवे के प्रधान के कारनामे अब खुलकर सामने आने लगे हैं। इसके लिये गांव के ही एक जोशीले युवक ने एसडीएम को प्रार्थनापत्र. देकर दूसरी शिकायत की है।
नगला गबे निवासी बालिस्टर शाक्य पुत्र राम सुमिरन ने एसडीएम रामसकल मौर्य को दिये प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके प्रधान अजय पाल जिन्हैं जनता ने गांव के विकास को दु्रतगति से दौडाने के लिये चुना था। उन्होने अपने ही मतदाताओं का अपमान कर बिना काम कराये ही सरकारी धन का गबन कर लिया है।
गुरूवार को बालिस्टर शाक्य एक बार फिर से तहसील आये और बताया कि अजयपाल ने गांव में लगे चालू हालत के पांच हैंण्डपम्पों का कागजों में ही रिबोर करा दिया। उन्होंने लिखा कि बारेलाल शाक्य, राधाकृष्ण बाथम, विनोदपाल तथा प्राथमिक विद्यालय में लगाये हैंण्डपम्प बिल्कुल चालू हालत में थे और हंै। पर प्रधान ने जनता की आंखों में धूल झौंकते हुये पांच हैंण्ड़पम्पों को रिबोर दिखाया और करीब दो लाख दस हजार रूपयों का गबन कर लिया। इसके बाद उन्होंने दो इंटरलॉकिग सडकें भी कागजों में बनबा डालीं। पहली सडक देवेन्द्र पाल के घर से छोटे लाल पाल के घर तक। इस सडक को उन्होंने इंटरलॉकिंग दिखाया और एक लाख छिआसठ हजार चार सौ अट्ठाइस हजार की रकम डकार ली। इसके बाद दूसरी सडक रविन्द्र के घर से शंकरलाल पाल के घर तक कागजों में बना दी। इस घोटालें में प्रधान ने सत्तानवे हजार सात सौ ग्यारह हजार का चूना सरकार और मासूम जनता को लगा दिया। बालिस्टर का कहना है कि प्रधान के घोटालों की सूची काफी लम्बी है। वह अगली बार मनरेगा में किये गये घोटाले का भंडाफोड करेंगे।
आर.एस. मौर्य एसडीएम
चुने हुये प्रतिनिधि की शिकायत के लिये शिकायतकर्ता को हलफनामे के साथ सक्षम अधिकारी के पास जाना चाहिये। सक्षम अधिकारी शिकायत की जांच के लिये जिसे नियुक्त करेंगे वही जांच करेगा। मेरे पास प्रार्थनापत्र देने से कोई हल नहीं निकलेगा।
मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट








