माइनस 50 डिग्री में भी नहीं लगेगी अब जवानों को सर्दी, भारत में ही बनेंगे गर्म कपड़े!

सात वर्षों से चल रही रिसर्च के बाद, जवानों को ठण्ड से बचाने के लिए पूर्ण रूप से स्वदेशी वस्त्र तैयार किए गए हैं. यह वस्त्र माइनस 50 डिग्री वाले क्षेत्रों में भी जवानों को सर्दी से बचाएगा. यह कदम ऑर्डनेन्स क्लोथिंग फैक्ट्री(ओसीएफ) ने आत्मनिर्भर भारत के तहत लिया है. अभी तक इन प्रकार के वस्त्रों के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर थे. लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ है कि सुरक्षा बालों के लिए किसी सरकारी उद्योग ने स्वदेशी फॉर्मूले पर ऐसी ड्रेस बनाने में कामयाबी हासिल की है. भारत तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) के सैंपल ट्रायल के पास होने के बाद फैक्ट्री के लोग काफी उत्साहित है. अब इसके अप्रूवल के लिए भारतीय सेना को भी सैंपल भेजे गए हैं. सेना से आर्डर मिलते ही इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा. इसके बाद सेना को अब किसी निजी क्षेत्र से कपड़े नहीं लेने पड़ेंगे.

1941 में स्थापित हुई ऑर्डनेन्स क्लोथिंग फैक्ट्री जवानों के लिए अलग-अलग तरह की चीज़ें बनाती है. लेकिन, सर्दी से बचाव के लिए अभी तक ऐसे वस्त्र नहीं बने थे. इन वस्त्रों को उत्पादन पहली बार होने जा रहा है. अप्रैल 2013 में ओसीएफ ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी रिसर्च चालू की थी और डिफेन्स एक्सपो में इस ड्रेस का पहली बार प्रदर्शन किया गया था. यह जवानों को सर्दी से बचाने के लिए बहुत उपयोगी होगी.

यह थर्मल इंसुलेटेड सिस्टम ड्रेस को तीन लेयर्स से तैयार किया गया है. इसमें भारत में की गई तैयार ब्रीदवल फैब्रिक मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. इस पूरी ड्रेस का वज़न साढ़े चार किलोग्राम तक है. इसकी पहली लेयर शरीर के तापमान को कण्ट्रोल करने के लिए है. यह नमी को पसीने के रूप में बाहर निकाल शरीर को अंदर से सूखा रखती है. पहली लेयर को कम्फर्ट लेयर का नाम दिया गया है. दूसरी लेयर जो कि इंसुलेशन लेयर है, यह शरीर से निकलने वाली गर्मी को ड्रेस से बाहर नहीं निकलने देती. तीसरी लेयर जो कि सबसे आउटर लेयर है, वह बर्फ, पानी और तेज़ गति की चली हवा से बचाती है. इस लेयर को प्रोटक्शन लेयर कहा गया है.

पीआरओ ओसीएफ के टास्क मैनेजर ने बताया कि यह योजना आत्मनिर्भर के तहत इसीडब्लूसीएस को लांच किया है. इसमें इस्तेमाल हुआ सारा मटेरियल स्वदेशी है. अभी तक इस वस्त्र के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर रहना पड़ रहा था. सेना के जवानों के लिए आर्डर मिलते ही इसका उत्पादन चालू कर दिया जाएगा.

खबरें और भी हैं...