जीरो बजट खेती को अपनाने से बढ़ेगी किसानों की आय


*लोक भारती व कृषि विभाग की पहल से किसानों मे उत्साह की लहर*

भास्कर ब्यूरो वाराणसी-खेती मे रसायनों व कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से न सिर्फ मिट्टी की सेहत खराब हुई है बल्कि दिन प्रति दिन खेती मे उत्पादन लागत भी बढ़ती जा रही है।इतना ही नही बल्कि रसायनिक खेती से तैयार उत्पादों का किसानो को उचित मूल्य भी नही मिल पा रहा है।ऐसे मे हमे जीरो बजट गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा।

उक्त सलाह रविवार को सेवापुरी ब्लाक सभागार मे आयोजित गौ आधारित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम मे लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख एवं कृषि समृद्धि आयोग उ.प्र. के सदस्य श्रीकृष्ण चौधरी ने किसानो की दी।प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीरो बजट खेती को अपनाने से किसानों की उत्पादन लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ने के साथ ही उनकी आमदनी मे भी इजाफा होगा।पद्मश्री सुभाष पालेकर द्वारा विकसित जीरो बजट प्राकृतिक खेती अभियान के तहत लोक भारती व कृषि विभाग द्वारा सेवापुरी मे चलाये जा रहे प्रशिक्षण मे किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वाराणसी मंडल के संयुक्त कृषि निदेशक अखिलेश चंद्र शर्मा ने कहा कि जीरो बजट प्राकृतिक खेती को अपनाकर ही बिष मुक्त खाद्यान्न उत्पादन सम्भव हो सकता है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होने से बाजार मूल्य भी अधिक मिलता है।उन्होंने किसानों से जीरो बजट प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की। रायबरेली से आये प्रगतिशील कृषक शेषपाल सिंह व सत्यप्रकाश मिश्रा ने उपस्थित किसानों को जीरो बजट खेती के सम्बंध मे बिस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए जीवामृत, घन जीवामृत,बीजामृत बनाने की विधियों पर प्रकाश डाला।बहराइच के किसान अनिरूद्घ यादव ,अवधराम गिरि एवं मगन विहारी पाठक द्वारा देशी गाय के गोबर ,गोमूत्र और गाँवों मे उपलब्ध बनस्पतियों का उपयोग करते हुए फसलो मे कीट नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की।इस दौरान जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या, डा.डी. पटेल,राम आसरे सिंह,हरदास मौर्या,देवमणि त्रिपाठी अभिषेक, रणविजय राय,चंद्रशेखर मिश्र,अरविंद कुमार,अशोक राय सहित सैंकड़ो किसान उपस्थित रहे।

खबरें और भी हैं...