वाराणसी की जेल में कैदी की मौत के बाद मचा बवाल, पुलिस ने शुरू की जांच

वाराणसी की जिला जेल में छोटी गैबी निवासी बंदी राजेश कुमार जायसवाल की मौत के बाद बंदियों के उपद्रव को लेकर लालपुर-पांडेयपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जेलर वीरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने अपनी तहरीर में 41 नामजद और अन्य अज्ञात बंदियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, बलवा, आपराधिक साजिश सहित अन्य आरोप लगाए हैं। जेल कर्मियों के बयान और CCTV फुटेज की मदद से लालपुर-पांडेयपुर थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

बता दें कि जेल में बवाल के बाद 10 थानों की फोर्स ने मोर्चा संभाला था। जेल में बंदियों ने तोड़फोड़ भी की थी।

25 फरवरी की सुबह हुई थी मौत

जिला जेल की बैरक नंबर-3 में रहने वाले बंदी राजेश की शुक्रवार की सुबह मौत हो गई थी। जेल प्रशासन का कहना था कि हार्ट अटैक की वजह से राजेश की मौत हुई है। राजेश लगभग साढ़े पांच महीने से धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य आरोपों में जिला जेल में बंद था। उसे चेतगंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

वहीं, बंदियों का कहना था कि जेल प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी की वजह से राजेश की मौत हुई है। राजेश के उपचार और उसे अस्पताल ले जाने में अनावश्यक देरी की गई। इसके साथ ही बंदियों ने जेल के भीतर जमकर हंगामा करते हुए तोड़फोड़ करने के साथ ही बंदीरक्षकों से मारपीट की थी।

जेल प्रशासन की सूचना पर वाराणसी कमिश्नरेट की 10 थानों की फोर्स और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद बंदियों को समझा-बुझाकर स्थिति नियंत्रित की थी। पुलिस की सूचना पर जेल पहुंचे राजेश के परिजनों ने भी उसकी हत्या का आरोप लगाकर हंगामा किया था। इस दौरान लगभग 3 घंटे तक जिला जेल में अफरातफरी की स्थिति थी।

डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया

जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिला जेल के विचाराधीन बंदी राजेश कुमार जायसवाल की उपचार के दौरान हुई मौत के संबंध में मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया गया है। जांच अधिकारी अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) को नामित किया गया है। जिलाधिकारी / जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) प्रकरण की विस्तृत जांच कर अपनी रिपोर्ट एक माह के अंदर उन्हें उपलब्ध कराएंगे।

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